बड़ी दिक्कते है


"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "
बड़ी  दिक्कते है 

कैसे मिले तेरी गलियों में खुलके 
बड़ी दिक्कते है 
मशहूर तुम भी मशहूर हम भी ,
बड़ी दिक्कते है ,
मिलना भी है और छुपना भी है ज़माने से , 
बड़ी दिक्कते है ,
यूँ तो गलियों में शिकवे है,अंधेरो के ,
पर उस एक गली में उजाला है ,
बड़ी दिक्कते है ,
उस पे मशहूर तुम ,मशहूर हम 
बड़ी दिक्कते है ,
चर्चे है ,तेरे और मेरे इन गलियों में,
कैसे बचे सबसे 
बड़ी दिक्कते है ,
उलझना तुमको भी नहीं हमको भी नहीं ,
फिर भी उलझ रहें है ,क्या करे अब ?
बड़ी दिक्कते है ,
जो मिलें हम तो उलझन ,न मिलें तो उलझन,
उलझ गए है दोनों, बड़ी दिक्कते है ,
उस पर मशहूर तुम भी हम भी 
इन गलियों में , बड़ी दिक्कते है।।।।।

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