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गुप्तरत्न : "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "क्या बताएं ...

गुप्तरत्न : "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं " क्या बताएं ... : "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " क्या बताएं दिल मैं क्या -क्या छिपाए बैठे है , दिल मैं वो तेरे,  सारे सितम छिप... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

गुप्तरत्न : "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "क्या बताएं ...

गुप्तरत्न : "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं " क्या बताएं ... : "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " क्या बताएं दिल मैं क्या -क्या छिपाए बैठे है , दिल मैं वो तेरे,  सारे सितम छिप... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

गुप्तरत्न :वो तेरा ख्याल की जी न सकेगी बिन तेरे "रत्न "

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"गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " क्या बताएं दिल मैं क्या -क्या छिपाए बैठे है , दिल मैं वो तेरे,  सारे सितम छिपाए बैठे है ll दिखता है रोशन, मेरा घर बाहर से जमाने को , क्या दिखाए अन्दर कितना तम छिपाए बैठे है ll मलहम भी कैसे लगाएगा ,अब आकर कोई , हम भी तो, दिए तेरे सारे ज़ख्म छिपाए बैठे है ll कितने गम छिपाए बैठे है  मेरी मुस्कराहट पर फ़िदा है , तो ज़माना  सारा  देख न पायेगा कोई , कितने गम छिपाए बैठे है ll वो तेरा ख्याल की जी न सकेगी बिन तेरे "रत्न " जियेंगे तेरे बिन,अब भी खुदमे दम छिपाए बैठे है ll

गुप्तरत्न : guptratn -मुहब्बत का किस्सा है दूर तलक जाएगा। .......

गुप्तरत्न : guptratn -मुहब्बत का किस्सा है दूर तलक जाएगा। ....... : गुप्तरत्न "भावनाओं के समंदर मैं " "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

गुप्तरत्न : बिखरी ज़ुल्फे,गोरे गाल, और वो उसकी आँखे,उफ्फ कयामत...

गुप्तरत्न : बिखरी ज़ुल्फे,गोरे गाल, और वो उसकी आँखे, उफ्फ कयामत... : बिखरी ज़ुल्फे,गोरे गाल, और वो उसकी आँखे, उफ्फ कयामत सी, ख़्वाबो मैं सताती है वो ll लगकर सीने से भरती है, यूँ गर्म साँसे जब , सर्द  मौसम  ... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " for audio ⇊👇 https://m.starmakerstudios.com/share?recording_id=5348024549207405&share_type=more

गुप्तरत्न : "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "गुप्तरत्न "भ...

गुप्तरत्न : "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं " गुप्तरत्न "भ... : "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " गुप्तरत्न "भावनायों के समन्दर मैं" "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

दिल न सह पायेगा -गुप्तरत्न

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"गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " गुप्तरत्न "भावनायों के समन्दर मैं"

#गुप्तरत्न : मेरा दिल दुखा तो है तुम्हारी बातों से ,अश्क भी बह...

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गुप्तरत्न : मेरा दिल दुखा तो है तुम्हारी बातों से , अश्क भी बह...: मेरा दिल दुखा तो है तुम्हारी बातों से , अश्क भी बहे है ,कुछ तो इन आँखों से ll न सीखा दो तरफ़ा बातों का हुनर हमने , ज़ुबा कह रही है वही सुन... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

गुप्तरत्न : खंडहर देखकर यूं ...........................

गुप्तरत्न : खंडहर देखकर यूं ........................... : खंडहर देखकर यूं ........................... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

गुप्तरत्न : "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "ठंडी हवाएं ...

गुप्तरत्न : "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं " ठंडी हवाएं ... : "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " ठंडी हवाएं जब भी छूकर जाती है ..................सुनने के लिए क्लिक ↧��♫♬ htt... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

ठंडी हवाएं आपके लिए

"गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " ठंडी हवाएं जब भी छूकर जाती है ..................सुनने के लिए क्लिक ↧👇♫♬ https://m.starmakerstudios.com/share?recording_id=5348024548778386&share_type=more ठंडी हवाएं जब भी छूकर जाती है 

गुप्तरत्न ज़नाब याद रखो, उन किस्सों मैं आप ही जगह ख़ास रखते है ll,

गुप्त रत्न " भावनाओं के समंदर मैं " दिल मैं अपने मुहब्बत और एहसास रखते है , दिलो को जला दे ,लफ्ज़ो मैं हम  वो आग रखते है ll  अँधेरी रातों को भी जो रोशनी   से जगमगा दे , कागज़ मैं  अपने ख्यालों के  वो  रोशन चिराग रखते है ll  जुगनू मैं भी चमक दिखती है जिनको  नज़रो मैं अपनी वो  तिशनगी -ए-तलाश रखते है ll  मातम भी मनाते है,यूँ की खबर न हो किसी को,  क्या जानो तुम,दिल मैं अपने अरमानो की लाश रखते है ll  सुन लो!  कहने वालों  हमको "आशिक़ मिज़ाज़ "  ज़ख्म देने वाले से  ही ,हम मलहम की भी आश रखते है ll हीरे है, हम छूटते  है हाथों से, पर टूटते नहीं कभी , हंसते रहते है , दिल मैं पर ज़ख्मो की खराश रखते है ll  जो बदनाम कर खुश हो रहे है,किस्से सुनाकर "रत्न" के ज़नाब याद रखो , उन किस्सों मैं आप  ही जगह ख़ास रखते है ll गिले भूलकर सारे , फिर  भी दुआएं करते है आपके हक़ मैं , कबूल हो दुआएँ ,आपके हक़ मैं  हम अरमान -ए -काश रखते है ll  https://m.starmakerstudios.com/share?recording_id=5348024548743488&

"गुप्तरत्न " : दिल मैं अपने मुहब्बत और एहसास रखते है ,दिलो मैं आग...

"गुप्तरत्न " : दिल मैं अपने मुहब्बत और एहसास रखते है ,दिलो मैं आग... : दिल मैं अपने मुहब्बत और एहसास रखते है , दिलो मैं आग लगा दे लफ्ज़ो मैं हम वो आग रखते है ll  अँधेरी रातों को भी जो रोशनी   से जगमग... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : वाकिफ हम है इस कहानी के अंजाम से ,पर करें भी क्या?...

"गुप्तरत्न " : वाकिफ हम है इस कहानी के अंजाम से ,पर करें भी क्या?... : वाकिफ हम है इस कहानी के अंजाम से , पर करें भी क्या? दिल धड़कने लगा है तेरे नाम से ll तू ही जाने ,मेरे मायने तेरी जिंदगी मैं, खास बन... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : poems available in audio .............�� click on ...

"गुप्तरत्न " : poems available in audio .............�� click on ... : poems available in audio ............. ��  click on below links  �� https://m.starmakerstudios.com/share?recording_id=534802454790... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : तुम  फिर  आयें, मेरी  जिंदगी  मैं यूँ,जैसे  दबी ह...

"गुप्तरत्न " : तुम  फिर  आयें, मेरी  जिंदगी  मैं यूँ, जैसे  दबी ह... : तुम  फिर  आयें, मेरी  जिंदगी  मैं यूँ, जैसे  दबी हुयी,  बीमारी  लौट आये ll भरा  ही  कहाँ , ज़ख़्म  दिल का अभी , बातें तेरी की , चोट पे फि... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : लिखूं क्यां ये समझ नहीं आ रहा ,दिल मैं जो है, वो ...

"गुप्तरत्न " : लिखूं क्यां ये समझ नहीं आ रहा , दिल मैं जो है, वो ... : लिखूं क्यां ये समझ नहीं आ रहा , दिल मैं जो है, वो भी कहा नही जा रहा ll तलब दोनों के दिलों मैं है मगर , तेरी प्यास मैं,और मेरी  तू समझ न... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "
"गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " गुप्त रत्न  मेरी तो जुबां काली है , हर बात सदाकत थी , संभाला तुम्हे , मेरी कमजोरी नहीं शराफत थी ll मुहब्बत  होती तो मरती न यूँ , जिंदा रहती , बदलनी ही थी एक दिन  ,मैं तो तेरी आदत थी ll सब कुछ लौटा दूंगी वैसा ही तुम्हें एक दिन , ये दर्द सब तेरे ही है ,  मेरे पास तो ज़मानत थी ll सबकुछ छोड़ बैठी थी , कभी तेरे वास्ते मैं , मुहब्बत मेरी ये,  दुनिया के  लिए तो बगावत थी ll बहुत अच्छे अदाकार हो, तुमने ही कहा था , आज भी दिखावा है, कल भी हर बात बनावट थी ll बिल्कुल नही बदले,आज भी मै ही गलत हूँ , इलज़ाम मुझको देना तो,तुम्हारी पूरानी आदत थी ll रुख बदला तो है , हवाओं का  जिंदगी मैं ," रत्न " ये हवाएं भी क़यामत है,वो हवाएं भी क़यामत थी ll गुप्त रत्न 

"गुप्तरत्न " : गुप्त रत्न मेरी तो जुबां काली है , हर बात सदाकत ...

"गुप्तरत्न " : गुप्त रत्न  मेरी तो जुबां काली है , हर बात सदाकत ... : गुप्त रत्न  मेरी तो जुबां काली है , हर बात सदाकत थी , संभाला तुम्हे ,मेरी कमजोरी नहीं शराफत थी ll मुहब्बत  होती तो मरती न यूँ , जिंदा ... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "अब अल्फ़ाज़ न...

"गुप्तरत्न " : "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं " अब अल्फ़ाज़ न... : "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " अब अल्फ़ाज़ नहीं बचे , आपको समझाने, यूँ भी वाकी न रहा ,   कुछ आपको बताने , मा... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

दुश्मन दिल का दिया

"गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " अब अल्फ़ाज़ नहीं बचे , आपको समझाने, यूँ भी वाकी न रहा ,   कुछ आपको बताने , माना नही  आता ,    इज़हार-ए-हाल ,बयां  नादां नही आप की  जरुरत है,  ये जताने  लग गया .अब करें भी तो क्या हम ,कहो  तुम बता दो, तरीका दिल तुमसे ये हटाने  दोस्तों की क्या कमी थी,दर्द देने के लिए  दुश्मन दिल का दिया ,खुदा  मुझे सताने  

"गुप्तरत्न " : आप चाहो तो जीत सकते है हम, भी  ये बाज़ी आपको दिल ह...

"गुप्तरत्न " : आप चाहो तो जीत सकते है हम, भी  ये बाज़ी आपको दिल ह... : आप चाहो तो जीत सकते है हम, भी  ये बाज़ी  आपको दिल हारना होगा मुझे जीताने के लिए ll दो कदम तुम चलो ,दो कदम मैं भी चलूँ , बस काफी है सफ़र,फ... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

आपके लिए गुप्त रत्न" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " आता ही नहीं समझना ख़ामोशी को , उनको हम समझाएं भी तो क्या ? उनको एहसास ही नहीं है ,कुछ , सीने से यूँ  लग जाएँ भी तो क्या ? अंधे है इस क़दर गुरुर मैं ,वो  हम दिल की तड़प बताएं भी तो क्या ? कुछ नज़र आता नहीं उनको , बेचैनी ये हम दिखलायें भी तो क्या ? जब यकीं ही नहीं हम पर,तो , ये किस्सा आगे बढ़ाएं भी तो क्या ? जब आँखों को ही न पढ़ सकें , तो ज़ुबा से हम सच जताएं भी तो क्या? सोच जब जिस्म तक हो, वहां  एहसास-ए-दिल समझाएं भी तो क्या ?

"गुप्तरत्न " : हुआ शामिल क्या मेरी जिंदगी मैं, तू थे जो शामिल जिं...

"गुप्तरत्न " : हुआ शामिल क्या मेरी जिंदगी मैं, तू थे जो शामिल जिं... : हुआ शामिल क्या मेरी जिंदगी मैं, तू  थे जो शामिल जिंदगी मैं, सब निकल गए ll बीते थे तेरे साथ,  खुशनुमा से जो , न जाने जवानी के, वो प... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : तेरे हाथों से मेरा हाथ ये छूट रहा है ,साथ है पुरा...

"गुप्तरत्न " : तेरे हाथों से मेरा हाथ ये छूट रहा है , साथ है पुरा... : तेरे हाथों से मेरा हाथ ये छूट रहा है , साथ है पुराना,पर ये अब छूट रहा है ll सांस लेना मुश्किल अब, हो रहा है,  इस रिश्ते मैं,ये मिर्च कौ... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : सब्र मेरा टूट रहा है,इतना भी न तरसाइए जनाब,llमर न...

"गुप्तरत्न " : सब्र मेरा टूट रहा है,इतना भी न तरसाइए जनाब,ll मर न... : सब्र मेरा टूट रहा है, इतना भी न तरसाइए जनाब,ll मर न जाऊँ तड़पकर, अब सीने से लगाइए जनाब ,ll खेल मैं टूट न जाऊं, इतना भी न झुका... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : अल्फ़ाज़ खत्म हुए अब कुछ बताने को यूँ भी बचा नही,अब ...

"गुप्तरत्न " : अल्फ़ाज़ खत्म हुए अब कुछ बताने को यूँ भी बचा नही,अब ... : अल्फ़ाज़ खत्म हुए अब कुछ बताने को  यूँ भी बचा नही,अब कुछ समझाने  को ll सीने से भी लग गए , अब हम तो तेरे , फिर भी न समझे तुम इस अफ़सान... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : for audio click on below linkhttps://m.starmakers...

"गुप्तरत्न " : for audio click on below link https://m.starmakers... : for audio click on below link https://m.starmakerstudios.com/share?recording_id=5348024547568737&share_type=fb ये मौसम कहता है बन जा... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : दुनिया तेज़ चली या मुझमे ही कम रफ़्तार थी,मैं रह गई,...

"गुप्तरत्न " : दुनिया तेज़ चली या मुझमे ही कम रफ़्तार थी,मैं रह गई,... : दुनिया तेज़ चली या मुझमे ही कम रफ़्तार थी, मैं रह गई,छंट गई ,जो खुशियाँ पाने कड़ी कतार थीll थोड़ी सी तू हिम्मत करता तो जुदा होती दास्ताँ... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : इज़हार -ए- मुहब्बत अब तू सिखा दे,कैसे कहूँ,कोई भाष...

"गुप्तरत्न " : इज़हार -ए- मुहब्बत अब तू सिखा दे, कैसे कहूँ,कोई भाष... : इज़हार -ए- मुहब्बत अब तू सिखा दे, कैसे कहूँ,कोई भाषा अब तू सिखा दे ll तेरे सामने आते ही लग जाते है ताले, कहाँ मिलेगी चाबी जुबां की तू... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : अब जीत हार की मुझे कोई परवाह ही नहीं,क्यूंकिअब ते...

"गुप्तरत्न " : अब जीत हार की मुझे कोई परवाह ही नहीं, क्यूंकिअब ते... : अब जीत हार की मुझे कोई परवाह ही नहीं, क्यूंकिअब तेरे सिवा मेरी,कोई चाह ही नहीं ll बस तेरी ही गलियों मैं मुड जाते है यूँ कदम, जैसेअब चलने... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : अब जीत हार की मुझे कोई परवाह ही नहीं,क्यूंकिअब ते...

"गुप्तरत्न " : अब जीत हार की मुझे कोई परवाह ही नहीं, क्यूंकिअब ते... : अब जीत हार की मुझे कोई परवाह ही नहीं, क्यूंकिअब तेरे सिवा मेरी,कोई चाह ही नहीं ll बस तेरी ही गलियों मैं मुड जाते है यूँ कदम, जैसेअब चलने... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : मानते है सच बहुत कड़वा होता है यहाँ .तभी तो आदमी स...

"गुप्तरत्न " : मानते है सच बहुत कड़वा होता है यहाँ . तभी तो आदमी स... : मानते है सच बहुत कड़वा होता है यहाँ . तभी तो आदमी सुनते ही बोखला जाता है सब्र की इंतिहा देख .बैठे है मयखाने मैं, नादां कोई यूं ,भी बिन प... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

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"गुप्तरत्न " : poem available in audio .............�� click on b... : poem available in audio ............. ��  click on below links  �� https://m.starmakerstudios.com/share?recording_id=5348024547065816&amp... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : तेरा दिल दुखाना यूँ ,कभी मेरा इरादा न रहा,पर रखूं...

"गुप्तरत्न " : तेरा दिल दुखाना यूँ ,कभी मेरा इरादा न रहा, पर रखूं... : तेरा दिल दुखाना यूँ ,कभी मेरा इरादा न रहा, पर रखूंगी दिल हमेशा, ये भी कभी वादा न रहा ll कभी हो सकें तो समझना मेरे ज़ज्बातों को ज़रा, सोचन... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : गुजरे लम्हें याद आते तो होंगे,अब भी वो तेरी आँखों...

"गुप्तरत्न " : गुजरे लम्हें याद आते तो होंगे, अब भी वो तेरी आँखों... : गुजरे लम्हें याद आते तो होंगे, अब भी वो तेरी आँखों मैं आसूं आते तो होंगे,ll सुनते तुम अब भी होंगे सब , अब भी वो गजले तेरे होठ गुनगुनाते ... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : दूर कही चलो तन्हा ,तन्हा रातों मैं,लेकर साथ मुझे ...

"गुप्तरत्न " : दूर कही चलो तन्हा ,तन्हा रातों मैं, लेकर साथ मुझे ... : दूर कही चलो तन्हा ,तन्हा रातों मैं, लेकर साथ मुझे ,रहे हाथ हाथों मैं ll कुछ भी न बोल पायेंगे हम सामने , कह देंगे सब,ख़ामोशी से बातों मैं... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : मेरा कोई दोष मुझे तुम बता दो,फिर चाहे जो भी हो तुम...

"गुप्तरत्न " : मेरा कोई दोष मुझे तुम बता दो,फिर चाहे जो भी हो तुम... : मेरा कोई दोष मुझे तुम बता दो, फिर चाहे जो भी हो तुम सज़ा दो ll जो   कहोगे  वो मंज़ूर कर लुंगी ,मैं मजबूर हूँ,अपना हक भी जता लो ll ... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : बहुत हुआ,गुज़रे वक़्त से अब है निकलना ,कैद ख्यालों क...

"गुप्तरत्न " : बहुत हुआ,गुज़रे वक़्त से अब है निकलना ,कैद ख्यालों क... : बहुत हुआ,गुज़रे वक़्त से अब है निकलना , कैद ख्यालों की , तोड़कर है  निकलना ll कभी कहाँ बिगड़ी रंगों पर तबियत मेरी , फितरत है,काले रंग ... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : दिल मेरा लग नही रहा किसी के पास कहीं ,देखो छूटा तो...

"गुप्तरत्न " : दिल मेरा लग नही रहा किसी के पास कहीं ,देखो छूटा तो... : दिल मेरा लग नही रहा किसी के पास कहीं , देखो छूटा तो नहीं, उस रात तेरे पास कहीं ll  आग तो दोनों ज़ानिब,लगी दिल की बराबर,l देखो जलकर ... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : आजकल ख्यालों मैं कुछ आ नही रहा हैlक्यूँ?  क्यूंकि...

"गुप्तरत्न " : आजकल ख्यालों मैं कुछ आ नही रहा हैl क्यूँ?  क्यूंकि... : आजकल ख्यालों मैं कुछ आ नही रहा है l क्यूँ?  क्यूंकि दिल से तू  जा नही रहा है  l l जिसने भी देखा, हो गया दीवाना मेरा  l क्यूँ?  तुझको मे... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": तेरी तस्वीर देखते ही ,रुकते नही आँखों से अब भी आं...

"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": तेरी तस्वीर देखते ही , रुकते नही आँखों से अब भी आं... : तेरी तस्वीर देखते ही , रुकते नही आँखों से अब भी आंसू आते है,ll मुहब्बत है तुझसे की, तेरे साथ वो गुज़रे लम्हे याद आते है ll बेबसी देख म... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": इक इशारा कर दे बाहों में बिखर जाएंगे lइससे ज्यादा...

"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": इक इशारा कर दे बाहों में बिखर जाएंगे l इससे ज्यादा... : इक इशारा कर दे बाहों में बिखर जाएंगे l इससे ज्यादा गर संभले ,तो मर जाएंगे मैं ll न लीजिये इम्तिहान मेरे इस कदर ए ज़नाब l करने पे आएंगे त... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": तू ही बता खुद को समझाएं कैसे lये तड़प दिल की,तुम...

"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": तू ही बता खुद को समझाएं कैसे l ये तड़प दिल की,तुम... : तू ही बता खुद को समझाएं कैसे l ये तड़प दिल की,तुम्हे बताएं कैसे ll खेल रहे है, इस क़दर मेरे दिल से l तेरी तरह हम भी,तुझे सताएं कैसे ll सवाल... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": चाहते थे बेचैनिया मिटाना हम, आपके  पास आकर lपर ये...

"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": चाहते थे बेचैनिया मिटाना हम, आपके  पास आकर l पर ये... : चाहते थे बेचैनिया मिटाना हम, आपके  पास आकर l पर ये क्या? प्यास मेरी बढ़ गई, आपके  पास आकर ll क्या कहूँ? नाम दूँ क्या, इन एहसासों को नही प... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": कैसे छुपाऊं ये  झूठ कहा नही जाता lकह दूँ ज़माने स...

"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": कैसे छुपाऊं ये  झूठ कहा नही जाता l कह दूँ ज़माने स... : कैसे छुपाऊं ये  झूठ कहा नही जाता l कह दूँ ज़माने से ,खुद से कहा नही जाता ll खमोश मैं हो जाऊं,पर निगाहों का क्या करूँ  l सामने आते ही ते... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": सभी शिक्षकों को समर्पित  एक शिक्षिका की नज़र से ...

"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": सभी शिक्षकों को समर्पित  एक शिक्षिका की नज़र से  ... : सभी शिक्षकों को समर्पित  एक शिक्षिका की नज़र से  "रत्न" ने  देखा है, इन बच्चो को बड़े गौर से , छोटे होते है ,पर समझते है दुनिया... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": हृदय बना सारंगी जैसा,धड़कन जैसे हो इसके तार lदेखें...

"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": हृदय बना सारंगी जैसा,धड़कन जैसे हो इसके तार l देखें... : हृदय बना सारंगी जैसा,धड़कन जैसे हो इसके तार l देखें तुझको जब जब बजते,ऐसे जैसे छेड़े राग मल्हार ll आतुर हृदय मेरा ,आँखे तुझे बताती है, व्य... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": "गुप्तरत्न" भावनायों के समन्दर मैं बिन गुनाहों के ...

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": "गुप्तरत्न" भावनायों के समन्दर मैं बिन गुनाहों के ... : चल बख्श दिए गुनाह तेरे सारेl मुन्तज़िर हूँ,बस इक जवाब दे दे ll मैं बावफ़ा न थी कभी ,माना l तू गुज़रे सालो का हिसाब दे दे ll कब से... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": देखते है कब तलक बचते है हुज़ूर,राहे-ए -सुखन  और नि...

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": देखते है कब तलक बचते है हुज़ूर, राहे-ए -सुखन  और नि... : देखते है कब तलक बचते है हुज़ूर, राहे-ए -सुखन  और निगाहों मैं , यूँ ही गुफ्तगू का सफ़र  रहेगा // महकेंगे यूँ रोज अल्फ़ाज़ मेरे , इन... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": जगमगा रही है,अंधेरो को ,उस रौशनी को रहने दे/जिद ...

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": जगमगा रही है,अंधेरो को ,उस रौशनी को रहने दे/ जिद ... : जगमगा रही है,अंधेरो को ,उस रौशनी को रहने दे/ जिद मैं ,क्या मेरी जिंदगी से वो दिया भी बुझाएगा // न बन  खुदा ,वक़्त को करने दे फ़ैसला,जिंदग... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": पतवार हाथ मैं रखकर भी बेठिकाना ही रहना है सफीने मै...

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": पतवार हाथ मैं रखकर भी बेठिकाना ही रहना है सफीने मै... : पतवार हाथ मैं रखकर भी बेठिकाना ही रहना है सफीने मैं  ग़ज़ल ये नही सिर्फ अल्फाजों को सह्ज़ेना करीने में , न समझ सकेगा कोई,क्यूँ धड़कने र... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": मशगला सा ,न तआरूफ कराना यारों मैं "रत्न"के नाम का,..

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": मशगला सा ,न तआरूफ कराना यारों मैं "रत्न"के नाम का, : किसी शायर ने कहा ये खूब , "इश्क एकतरफा हुआ कभी न हुआ होगा "// समन्दर मैं गर उठ रही है लहरें , तो बादल पर भी तो इसका असर... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": तेरे ख्याल तो नशा है, मय के लिए भी मयखाना हो गए //...

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": तेरे ख्याल तो नशा है, मय के लिए भी मयखाना हो गए //... : तेरे ख्याल तो नशा है, मय के लिए भी मयखाना हो गए // देखकर तुमको मिजाज़ मेरे आशिकाना हो गए, मुलाक़ात की कोशिशे सारी,ज़माने के लिए बहाना हो ग... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": तेरे ख्याल तो नशा है, मय के लिए भी मयखाना हो गए //...

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": तेरे ख्याल तो नशा है, मय के लिए भी मयखाना हो गए //... : तेरे ख्याल तो नशा है, मय के लिए भी मयखाना हो गए // देखकर तुमको मिजाज़ मेरे आशिकाना हो गए, मुलाक़ात की कोशिशे सारी,ज़माने के लिए बहाना हो ग... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": पतवार हाथ मैं रखकर भी बेठिकाना ही रहना है सफीने मै...

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": पतवार हाथ मैं रखकर भी बेठिकाना ही रहना है सफीने मै... : पतवार हाथ मैं रखकर भी बेठिकाना ही रहना है सफीने मैं  ग़ज़ल ये नही सिर्फ अल्फाजों को सह्ज़ेना करीने से , न समझ सकेगा कोई,क्यूँ धड़कने रू... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "
ग़ज़ल ये नही सिर्फ अल्फाजों को सह्ज़ेना करीने से , न समझ सकेगा कोई,क्यूँ धड़कने रूठी है सीने मैं,// ये होश की बातें नहीं समझता दिल,  हमनवाई नही ,दिल और दिमाग की जीने मैं // ये राहें-ए-सुखन उससे टूटकर मिली है , ये नशा तो .मिला नही साथ उसके भी पीने मैं,// ये मरहला जिंदगी का , ठिकाना न हासिल  पतवार हाथ मैं रखकर भी बेठिकाना ही रहना है सफीने मैं   (हमनवाई -इक मत  राहें-ए-सुखन -कविता शायरी ,बात चित का तरीका  मरहला-मोड़ ,परिस्थिति ,हालात  सफीने -कश्ती )

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": मुकर्रर दिन बता दो, फासले और ये गिले मिटाने //न छ...

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": मुकर्रर दिन बता दो, फासले और ये गिले मिटाने // न छ... : मुकर्रर दिन बता दो, फासले और ये गिले मिटाने // न छिनना चाहा न चुराना, हौसला कर ही लिया आखिर इसे पाने // मुहब्बत के हाथो बिकता है &... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न" ख़ामोशी की गहराई मैं शिकायतें, तेरी बहुत कडवी है "रत्न"मैंने नही कहा,...

"गुप्त रत्न "ख़ामोशी की गहराई मैं  शिकायतें, तेरी बहुत कडवी है "रत्न" मैंने नही कहा,... : शिकायतें, तेरी बहुत कडवी है "रत्न" मैंने नही कहा,तो आपसे सुना भी कहाँ गया // बोल कर चल दिए,तुमसे रुका भी कहाँ  गया // सोच ज...

"गुप्त रत्न"न संभलेगा दिल तेरे सामने बैठकर ,"रत्न"...

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": "गुप्त रत्न"न संभलेगा दिल तेरे सामने बैठकर ,"रत्न"... : "गुप्त रत्न"न संभलेगा दिल तेरे सामने बैठकर ,"रत्न"से , कहने दो इक बार हकीक़त मैं, कह चुकी जो कई बार ,ख़्वाबो मैं लगकर... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "
"हम पूरा एतबार रखते है " गिला,रंजिशे नाराजगी, होश मैं सब रखते है , बेखुदी मैं पर हम बस,अब आपके ख्याल रखते  है // नहीं है काबू मैं धड़कने,और ज़ज्वात मेरे , मत पूछो, सामने आपके कैसे इन्हें संभालकर रखते है // बेचैनियाँ,घबराहट पूछने लगी ,मुझसे  क्या अब इन पर आप इख्तियार रखते है // फैसला आपका हर मंज़ूर होगा, इतना तो हक आप "रत्न" पर  सरकार रखते है // दिल चाहे जहाँ ,आपका वहां ले चलियें, औरो का नहीं पता "हम आप पर पूरा एतबार रखते है"// बेखुदी -होश न होना ,जब दिमाग काम करना बंद करे // गिला-शिकायते .रंजिशे -मतभेद या लड़ाई // इख्तियार -अधिकार  या  नियत्रण (control) एतबार-भरोसा 

"गुप्तरत्न " नहीं मिटेगी मृगतृष्णा,कस्तूरी मन के अन्दर है,सागर ...

"गुप्त रत्न" नहीं मिटेगी मृगतृष्णा,कस्तूरी मन के अन्दर है,सागर ... : नहीं मिटेगी मृगतृष्णा,कस्तूरी मन के अन्दर है, सागर सागर भटकूँ मैं,प्यास बुझायें वो दरिया मेरे अन्दर है // शांत कहाँ ह्रदय मेरा,... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "
"गुप्त रत्न "  आओ पढ़े हम,इस आज़ादी की वो गाथाएं , आओ पढ़े हम,इस आज़ादी की वो गाथाएं , जिनको पाने जाने, लांघी है कितनी ही बाधाएं, ये रंग बिरंगा सा, जो तुमको दीखता है , तिरंगा, ना जाने कितने वीरो के लहू ने है ,इसको  रंगा, ये राष्ट्रध्वज, ये राष्ट्रगीत और ,राष्ट्रचिंह ये राष्ट्रगान, यूं ही नहीं मिला हमको आज ये सम्मान, काली स्याही मैं खोजो, तुमको उजला अतीत मिलेगा, तब तुम हृदय से दे सकोगे इन्हें सच्चा मान, आओ पढ़ें हम आज़ादी की वो गौरव कथाएं, जिनके मुख्य किरदारों मैं थे ,जाने कितने वीर और वीरांगनाये, करो महसूस उन वीरो के मर्म ,को जिनकी थी ये व्यथाएं, आओ पढ़े हम आज़ादी की वो कथाएं! गुप्त रत्न सवतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाओ के साथ//

"गुप्त रत्न" हिन्दू,मुस्लिम,सिख इसाई सब इसकी शान है,

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"गुप्त रत्न " "भावनाओं के समंदर मैं " गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " स्वतन्त्रता दिवस के उपलक्ष्य .. हिन्दू,मुस्लिम,सिख इसाई सब इसकी शान है, और नहीं कही हम यारो "ये अपना हिन्दुस्तान है। हाथों मैं रखता कोई गीता,पढता कोई कुरआन है, और नही कही हम यारो "ये अपना हिन्दुस्तान है " दुआ भी होती,नात भी सुनते और कहते कव्वाली भी, और यही पर  सुनते हम भजनों की मधुरम  तान है।। "शूरवीर महाराणा" यही पर हुए "अकबर महान" है, और नही कही हम यारो "ये अपना हिन्दुस्तान है। सियासत भी बोलती है, ज़हर नफरत का घोलती है / आयें मिटाने इस प्रेम को कई सियासी शैतान है।। फुट डालकर राज किया कई ,गोरे और देशी हैवान है , अब नही करने देंगे ये,यहाँ अपना घर ये  हिन्दुस्तान है।। हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई सब इसकी शान है , और नही कही हम यारो "ये अपना हिन्दुस्तान है।। जय हिन्द।
"गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " स्वतन्त्रता दिवस के उपलक्ष्य .. हिन्दू,मुस्लिम,सिख इसाई सब इसकी शान है, और नहीं कही हम यारो "ये अपना हिन्दुस्तान है। हाथों मैं रखता कोई गीता,पढता कोई कुरआन है, और नही कही हम यारो "ये अपना हिन्दुस्तान है " दुआ भी होती,नात भी सुनते और कहते कव्वाली भी, और यही पर  सुनते हम भजनों की मधुरम  तान है।। "शूरवीर महाराणा" यही पर हुए "अकबर महान" है, और नही कही हम यारो "ये अपना हिन्दुस्तान है। सियासत भी बोलती है, ज़हर नफरत का घोलती है / आयें मिटाने इस प्रेम को कई सियासी शैतान है।। फुट डालकर राज किया कई ,गोरे और देशी हैवान है , अब नही करने देंगे ये,यहाँ अपना घर ये  हिन्दुस्तान है।। हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई सब इसकी शान है , और नही कही हम यारो "ये अपना हिन्दुस्तान है।। जय हिन्द।

#गुप्त रत्न " क्या लिखना है "

"गुप्त रत्न "खमोशी की गहरे मैं : गुप्त रत्न " क्या लिखना है " : कोरे है ये पन्ने कब से ,अब इनमे लिखना है , जो कुछ रह गया अनकहा वो सब लिखना है // कितने ज़ख़्म दिए तूने,कितनी घायल हूँ मैं, बता न सक... "गुप्त रत्न "

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : कुछ मज़ा ही नही,अब जिंदगी जीने मैं,धड़कने भी मना करन...

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : कुछ मज़ा ही नही,अब जिंदगी जीने मैं,धड़कने भी मना करन... : कुछ मज़ा ही नही,अब जिंदगी जीने मैं, धड़कने भी मना करने लगी,रहने सीने मैं,// तिश्नगी मिटी ही नहीं कभी मेरे लवों से, दर्द का ... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : कुछ मज़ा ही नही,अब जिंदगी जीने मैं,धड़कने भी मना करन...

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : कुछ मज़ा ही नही,अब जिंदगी जीने मैं,धड़कने भी मना करन... : कुछ मज़ा ही नही,अब जिंदगी जीने मैं, धड़कने भी मना करने लगी,रहने सीने मैं,// तिश्नगी मिटी ही नहीं कभी मेरे लवों से, दर्द का ... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : तुम तो सारथि हो मेरे ,तुम बिन राह कौन दिखाएगा,नाह...

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : तुम तो सारथि हो मेरे ,तुम बिन राह कौन दिखाएगा, नाह... : तुम तो सारथि हो मेरे ,तुम बिन राह कौन दिखाएगा, नाहक डरते हो,तुम हो साथ तो कौन मुझे भटकाएगा// यकीन मानो तुम ,तुम हो ,तुम्हारी जगह कौन ले ... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : आजकल लिखती हूँ ,आपकी सूरत सामने रखकर ,सब भूल रही ...

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : आजकल लिखती हूँ ,आपकी सूरत सामने रखकर , सब भूल रही ... : आजकल लिखती हूँ ,आपकी सूरत सामने रखकर , सब भूल रही हूँ,आपकी याद सामने रखकर // सीधे सीधे फरमाइए क्या चाहत है आपकी, न उलझाइये,हमे शर्त... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : आजकल लिखती हूँ ,आपकी सूरत सामने रखकर ,सब भूल रही ...

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : आजकल लिखती हूँ ,आपकी सूरत सामने रखकर , सब भूल रही ... : आजकल लिखती हूँ ,आपकी सूरत सामने रखकर , सब भूल रही हूँ,आपकी याद सामने रखकर // सीधे सीधे फरमाइए क्या चाहत है आपकी, न उलझाइये,हमे शर्त... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "
आजकल लिखती हूँ ,आपकी सूरत सामने रखकर , सब भूल रही हूँ,आपकी याद सामने रखकर // सीधे सीधे फरमाइए क्या चाहत है आपकी, न उलझाइये,हमे शर्ते ये सामने रखकर // यूँ तो सोचते ही रहे की,क्या लिखें हम, कलम चल पड़ी ,शराब सामने रखकर // ए खुदा ,तुझ पर मेरा अकीदा देख, कही सर नही झुकाती,तेरे सामने रखकर // उर्दू जुवा न हिंदी जुवा बयाँ कर सकेगी मुहब्बत को, निगाहों को ही  जुवा समझो  मेरी ,बस  दिल  रखकर // आप न चाहेंगे तो देखंगी  भी न आपको,"रत्न " क्या चाहते है ऐसा,कह दो दिल पर हाथ रखकर // अकीदा --बिश्वास ,भरोसा 

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : मिला क्या वो की मेरी .जिंदगी और कशमकश मैं फंस गई,...

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : मिला क्या वो की मेरी .जिंदगी और कशमकश मैं फंस गई,... : मिला क्या वो की मेरी .जिंदगी और कशमकश मैं फंस गई, कयामत थी,नज़र मिलाना "रत्न"की जानआफत मैं फस गई // बमुश्किल तो लाये थे कश्ती ... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

गुप्त रत्न -हिंदी कवितायेँ, : कागज़ पर स्याही विखेरना क्या होता है,बताती हूँ की ...

"गुप्त रत्न "  : कागज़ पर स्याही विखेरना क्या होता है, बताती हूँ की ... : कागज़ पर स्याही विखेरना क्या होता है, बताती हूँ की लिखना क्या होता है// कभी चलकर आये है ,जिन काँटों सी राहों पर, चुभन वो  ,बार बार महसूस... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न " गुप्त रत्न -हिंदी कवितायेँ, : कागज़ पर स्याही विखेरना क्या होता है,बताती हूँ की...

"गुप्त रत्न "गुप्त रत्न -हिंदी कवितायेँ,  : कागज़ पर स्याही विखेरना क्या होता है, बताती हूँ की... : कागज़ पर स्याही विखेरना क्या होता है, बताती हूँ की लिखना क्या होता है// कभी चलकर आये है ,जिन काँटों सी राहों पर, चुभन वो  ,बार बार महसू... "गुप्त रत्न "" गुप्त रत्न -हिंदी कवितायेँ, "
कागज़ पर स्याही विखेरना क्या होता है, बताती हूँ की लिखना क्या होता है// कभी चलकर आये है ,जिन काँटों सी राहों पर, चुभन वो  ,बार बार महसूस करना होता है // रोज़ नहीं चुभते कांटे पैरो मैं, सूखे ज़ख्मो को हरा करना होता है // अल्फ़ाज़ कहाँ होते है .खून-ए-अरमा होता है, बीती यादों मैं रोज़ रोज़ जीकर ,मरना  होता है // बिन लिखें तो अब जी न पाएंगे ,आवाज़ है ये वरना तो ख़ामोशी मैं घुटना होता है //

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : पलकों मैं बैठा लिया आपको दिल से मजबूर होकर ,बेईज्ज...

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : पलकों मैं बैठा लिया आपको दिल से मजबूर होकर ,बेईज्ज... : पलकों मैं बैठा लिया आपको दिल से मजबूर होकर , बेईज्जत करने पर आमदा हो गए गुरूर मैं  चूर होकर // दिल झुका पर सर न झुका सकेंगे , कैसी ज... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न " "तेरे सीने से लिपटने का मन है करता, बोलूं कैसे?

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं " तेरे सीने स... : "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " तेरे सीने से लिपटने का मन है करता, बोलूं कैसे?बदनामी से दिल है डरता,// क्या... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "
"गुप्त रत्न " क्या कहूँ?नाम क्या दूँ इन एहसासों को, तेरे सीने से लिपटने का मन है करता, बोलूं कैसे?बदनामी से दिल है डरता,// क्या कहूँ?नाम क्या दूँ इन एहसासों को, जितना भी देखूं ,तुझसे मन नही है भरता ,// महसूस कर रहे तुम भी,कर रहे महसूस हम भी, धडकनों ,और साँसों की बेकरारी का ये आलम , अज़ब सी तुमको  ये कशमकश ,खामोश हम भी, देखेंगे इज़हार-ए-बेकरारी पहले कौन है करता // तेरे सीने ....................................................
दर्द पढ़ना लगता है अच्छा ,इसलिए दर्द लिख रहें है, यकीन मानो पीकर सब सच लिख रहें है, वो तो नशा था मेरे लिए अब तक, है लत,वो लिख रहें है // तन्हाई भी कितनी बेरहम होती है,भूलना है, जिसको उसको लिख रहें है // सबने नचाया है अपने इशारों पर मुझको, अब और नहीं,बस वो लिख रहें है // तुम्हारी तड़प तो जीत है मेरी ,तुम तड़प जाओ , इसलिए तो लिख रहें है // तुम तो दवा हो ए दोस्त, ज़हर न बन जाओ इसलिए लिख रहे है // तुझसे हर ओहदे मैं ऊँचे रहें ,फिर भी, हारे है मुह्ब्बत मैं,इसलिए लिख रहे हैं // गुप्त रत्न 

"गुप्त रत्न" दफ़न हो गई मेरी ख्वाहिशे जाने कितने ही रिवाजों मैं...

"गुप्त रत्न " ख़ामोशी की गहराई मैं" दफ़न हो गई मेरी ख्वाहिशे जाने कितने ही रिवाजों मैं... : दफ़न हो गई मेरी ख्वाहिशे जाने कितने ही रिवाजों मैं, फर्क करते करते मंदिर की पूजा और नमाज़ों मैं// किस किस को इलज़ाम देती ,अपनी दर्द-ए...

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "अजीब सी कशमक...

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " अजीब सी कशमक... : गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " अजीब सी कशमकश साथ मेरे,आजकल  खुद से ही है,एक जंग आजकल // सिहर उठती हूँ ,तेरा ख्याल आ... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : शराब जैसे लगने लगे हो मुझको,कडवे हो,मेरे जैसे लगन...

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : शराब जैसे लगने लगे हो मुझको, कडवे हो,मेरे जैसे लगन... : शराब जैसे लगने लगे हो मुझको, कडवे हो,मेरे जैसे लगने लगे हो मुझको, बहुत सोचते मेरे बारे मैं, क्यूँ ? जब फ़िक्र नहीं खुद मुझको, जीने दो ... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : "गुप्त रत्न " "बदले है ढंग आजकल ""गुप्त रत्न "" भ...

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : "गुप्त रत्न " "बदले है ढंग आजकल " "गुप्त रत्न "" भ... : "गुप्त रत्न " "बदले है ढंग आजकल " "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " अजीब सी कशमकश साथ... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "
"गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " अजीब सी कशमकश साथ मेरे,आजकल  खुद से ही है,एक जंग आजकल // सिहर उठती हूँ ,तेरा ख्याल आते ही, ये क्या  हो रहा है, मेरे संग आजकल// सोच कर घबराना ,कभी शर्माना तुझे, अजब से हालत हो चले मेरे संग आजकल // मैं तो नहीं थी कभी ऐसी, क्यूँ बदले है,मेरे ढंग आजकल// कितने जले है,अब तक ये क्या बताऊँ, खुद मोम सी पिघल रही है ,ये आग आजकल// जाने कितनो को तडपाया है,बताएं क्या इस "रत्न"ने, एहसास ये नए करते है,इसको तंग आजकल // मौसम ने भी क्या करवट ली है शानदार, बारिश मैं है तिश्नगी ,समन्दर मैं आजकल // बदल रहा है हवाओं का रुख, लहरों मैं हलचल ,नयी तरंग है आजकल// चाहकर नहीं छिपा पाते है "रत्न" खोल रहे है राज़,आँखे और चेहरा का रंग आजकल//

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : तुम ढाल हो मेरी बिन तेरे ये जीवन युद्ध न लड़ पाऊँगी...

गुप्त रत्न "हिंदी कवितायेँ", : तुम ढाल हो मेरी बिन तेरे ये जीवन युद्ध न लड़ पाऊँगी... : तुम ढाल हो मेरी बिन तेरे ये जीवन युद्ध न लड़ पाऊँगी , साथ रहो तुम ,पर तलवार मैं ही चलाऊँगी // बिन तेरे तो आगे मैं एक पग भी न धर पाऊँगी, ... गुप्त रत्न "हिंदी कवितायेँ",
"गुप्त रत्न " " सिमट जाऊं ,तेरी बाहों मैं, इस इम्तिहा तक तरसाना चाहते हो,//? मोम सी पिघल रही हूँ , खुद भी आग हो ये बताना चाहते हो //?  प्यास नही तुमको,? सच कहो किसे बहलाना चाहते हो //? दो कदम भी नही चले साथ,अभी, घबराकर कदम पीछे हटाना चाहते हो//? डरते हो, न मुहब्बत कर बैठो "रत्न"से  , दिल तो गया आपका अब क्या बचाना चाहते हो //?

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : "गुप्त रत्न ""ख़ामोशी की गहराई मैं"सामने बैठकर दि...

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : "गुप्त रत्न ""ख़ामोशी की गहराई मैं" सामने बैठकर दि... : "गुप्त रत्न " "ख़ामोशी की गहराई मैं" सामने बैठकर दिल का संभलना, जैसे आग  मैं रखकर हाथ का  न जलना, नही देखा अब तलक, ... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : सिमट जाऊं ,तेरी बाहों मैं,इस इम्तिहा तक तरसाना चा...

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : सिमट जाऊं ,तेरी बाहों मैं, इस इम्तिहा तक तरसाना चा... : सिमट जाऊं ,तेरी बाहों मैं, इस इम्तिहा तक तरसाना चाहते हो,//? मोम सी पिघल रही हूँ , खुद भी आग हो ये बताना चाहते हो //?  प्यास नही तुमक... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "
"गुप्त रत्न " "ख़ामोशी की गहराई मैं" सामने बैठकर दिल का संभलना, जैसे आग  मैं रखकर हाथ का  न जलना, नही देखा अब तलक, गर्मी मैं बर्फ का न पिघलना // नही पता "रत्न"को, रोके कैसे यूँ धडकनों का मचलना // सिखा दो ये फनकारी, छिपाकर तड़प, महफ़िल मैं संभलना  // ------------------------------------------------------------

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं " लहरों के श...

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "  लहरों के श... : "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "   लहरों के शोर से समन्दर की गहराई का अंदाजा नही होता, सूरत से न लगाइए जी अनुम... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

#गुप्तरत्न लहरों के शोर से समन्दर की गहराई का अंदाजा नही होता,

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"गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "   लहरों के शोर से समन्दर की गहराई का अंदाजा नही होता, सूरत से न लगाइए जी अनुमान मेरा जो दिखता है अक्सर वो नही होता.... खूबसूरती के लबादे मैं ढंके है दर्द कितने , मेरी हंसी से कभी उनका किसी को अंदाजा नहीं होता.......... जिसके लिए लिखी है इबारते मेरी आँखों मैं,वो ही समझ पायेगा, सबके लिए "रत्न" की आँखों की पाठशाला का दरवाज़ा ये खुला नही होता // इतना भी आसान नही है पार कर पाना हदों को, जिगर चाहिए,दिल की इस हुकूमत मैं आना सबके बश मैं नहीं होता // Like Show more reactions  ·  Reply  ·  14 mins  ·  Edited
"गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " चाहती हूँ कुछ लिखना ऐसा जो सबका मन चीर दे , भर दे ह्रदय हौसले से पर आँखों मैं भी नीर दे // हर युवक बना बैठा है रांझा ,कहता मुझको मेरी हीर दे, नहीं मांगता खुलकर,कोई नहीं कहता मुझको मेरा कश्मीर दे // श्रीराम लिखना है अपराध, नहीं कर सकते  कालीमंदिर मैं घंटनाद, फिर भी कहते प्रेम से हम सनातनी,ईद मैं सेवई की खीर दे // कह रही चीख चीख कर भारत माता , मुझको फिर आज़ाद और भगत  सिंह जैसे वीर दे // बचा सके जो लाज मेरी भरी सभा मैं, हे वीरो श्रीकृष्ण की तरह मुझे वो अंतहीन चीर दे // न बैठे कोई नपुंसक जैसा,हर युवा बहे प्रेम मैं मेरे , सबके ह्रदय देशप्रेम मैं मचले,सबको वो ह्रदय अधीर दे // चीर -फाड़ना ,भावना जगाना  चीर-कपड़ा, अधीर -व्याकुल ,बेचैनी  सनातनी-हिन्दू धर्म अनुयायी  घंटनाद-घंटी की आवाज़ (कल्कुत्ता मैं काली मंदिर मैं घंटी बजाने और हैदराबाद मैं ऑटो मैं श्रीराम लिखने पर कटाक्ष )

गुप्त रत्न "ख़ामोशी की गहराई में", : खुदा तुझे माफ़ न करेगा,तेरे इस गुनाह की खातिर ,क़ुरा...

"गुप्त रत्न " ख़ामोशी की गहराई मैं : खुदा तुझे माफ़ न करेगा,तेरे इस गुनाह की खातिर ,क़ुरा... : खुदा तुझे माफ़ न करेगा,तेरे इस गुनाह की खातिर , क़ुरान सा दिल ठुकरा दिया तूने ,तेरी आवारगी की खातिर// तू जानता था की काले रंग से मुहब्... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

लिखी हुयी इबारत हूँ ,चंद पढ़ डालिए जनाब //

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मेरे बारे मैं इतने भी वहम  न पालिए जनाब, लिखी हुयी इबारत हूँ ,चंद पढ़ डालिए जनाब // सूरत से न हो पायेगा, अनुमान-ए-हसरते , समझना है गर मुझे ,तो आँखों मैं आँखे डालिए जनाब // मोम सी पिघली हूँ, आपकी निगाहें-ए-तपिश मैं , पत्थर थी बनी ,जब से धोखे बहुत खा लिए जनाब // अकेली ,उलझी हुयी ख़ूबसूरत मैं पहेली हूँ, सुलझ जाएगी न इक दिन सुलझाइए जनाब // छिनना ही चाहते हो ,न चुराना ही "रत्न"को, फिर कीमत अदा कीजिये या खुदा से मांग डालिए जनाब // भटकी हुयी लहरे थी ,तूफ़ान-ए-समन्दर मैं, घडी भर को सही,आपकी महफ़िल मैं जज़ीरे पा लिए जनाब // जीत जाइये या हरा दीजिये हम को , बस थम जाइये ,अब  इतना  न  हमसे  खेलिए  , जनाब // मचल जाती है लहरे,समन्दर मैं तेरे ख्यालो से, थाम लो इन्हें,वरना आपको डुबोकर ही मानेगी जनाब// सामने आये आप, घबराकर धडकने ही रुक गई, कैसे समझाऊ खुदको ,आप ही समझाइये जनाब // एक घडी भी आपका ख्याल जाता नही दिल से , क्या चाहते है , अब  फरमाइए /बहुत मुझे सता लिए जनाब // लहरों मैं हलचल है ,बादल भी है  सबब , तूफ़ान दोनों मैं है ,इल्ज़ाम बस मत समन्दर पर डालिए जनाब // पहले ही कम थी  क्या हलचल लहरों मैं,

बारे मैं इतने भी वहम  न पालिए जनाब,लिखी हुयी...

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : मेरे बारे मैं इतने भी वहम  न पालिए जनाब, लिखी हुयी... : मेरे बारे मैं इतने भी वहम  न पालिए जनाब, लिखी हुयी इबारत हूँ ,थोडा थोडा पढ़ डालिए जनाब // सूरत से न हो पायेगा, अनुमान-ए-हसरते , समझना है... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : वाह  क्या चीज़ है ..........कौन कहता है, शराब बुर...

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : वाह  क्या चीज़ है .......... कौन कहता है, शराब बुर... : वाह  क्या चीज़ है .......... कौन कहता है, शराब बुरी चीज़ है , दुनिया भुला दे, अरे ये तो वो चीज़ है // लाखों गम,लाखों तकलीफे, सब कुछ मिटा... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

कौन कहता है शराब..................

"गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " वाह  क्या चीज़ है .......... कौन कहता है, शराब बुरी चीज़ है , दुनिया भुला दे, अरे ये तो वो चीज़ है // लाखों गम,लाखों तकलीफे, सब कुछ मिटा दे, सच ये वो चीज़ है // सुर भी है,साज़ भी है ,संगीत भी है आवाज़ भी है , बना दे मधुर जिंदगी ,ये वो चीज़ है // लगती है कड़वी,किसी को वेस्वाद, बना दे सब मीठा,पीने के बाद ये वो चीज़ है // आँखों से पीता ,कोई तो लेकर बैठा पैमाना , दोनों मैं है गज़ब का नशा,ये क्या चीज़ है // कौन कहता है शराब.................. कौन चाहता है होश मैं रहना , कर दे बेखुद,"रत्न "को वाह ये  क्या चीज़ है // या तो दे शराब ,कोई या महफ़िल तेरी , मौज़ूद है नशा,भुला दे गम दोनों क्या चीज़ है // कौन कहता है शराब बुरी चीज़ है, सब गम मिटा दे ,कसम से ये तो वो चीज़ है // बेखुद- होश मैं न रहना 

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : बता भी दो क्यों रहते हो मुझसे नाराज़,याद दिलाती हू...

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : बता भी दो क्यों रहते हो मुझसे नाराज़, याद दिलाती हू... : बता भी दो क्यों रहते हो मुझसे नाराज़, याद दिलाती हूँ,तुमको बीती बातें कुछ आज,// मैं अर्जुन थी बने तुम श्रीकृष्ण ,जीवन महाभारत के मेरे, द... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : यकीं है ,तुमको आना है एक दिन ,आस लेकिन दिल को काफ...

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : यकीं है ,तुमको आना है एक दिन , आस लेकिन दिल को काफ... : यकीं है ,तुमको आना है एक दिन , आस लेकिन दिल को काफी नहीं होती / सजा मेरे पास कुछ भी नहीं तेरे लिए , पर खुदा के दर पर माफ़ी नही होती सज़... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "
"गुप्त रत्न " यकीं है ,तुमको आना है एक दिन , आस लेकिन दिल को काफी नहीं होती / सजा मेरे पास कुछ भी नहीं तेरे लिए , पर खुदा के दर पर माफ़ी नही होती सज़दा तेरे दर पर कर काफ़िर मैं हो गई, मुहब्बत से बड़ी कोई इबादत  नहीं होती // है,मुद्दतो की तड़प और आसुंओ का फैसला , होगा वक़्त से इतनी नाइंसाफी भी नही होती // हो सके तो पढ़ मेरे भीगे लफ्जों को , आंसुओ से बड़ी कोई स्याही नहीं होती /

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : ले नहीं देते तुम पर हम इल्जाम ,मुहब्बत का गुनाह,भ...

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : ले नहीं देते तुम पर हम इल्जाम , मुहब्बत का गुनाह,भ... : ले नहीं देते तुम पर हम इल्जाम , मुहब्बत का गुनाह,भी रहा मेरे ही नाम,// किस किस गुनाह की माफ़ी दूँ तुम्हे , बेबसी,बख्श दिया तुझे नही लिया ... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : बेचैनिया ये हद से गुजरने लगी अब,बताती हूँ मैं क्य...

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : बेचैनिया ये हद से गुजरने लगी अब, बताती हूँ मैं क्य... : बेचैनिया ये हद से गुजरने लगी अब, बताती हूँ मैं क्या चाहती हूँ .// तेरी बाहों मैं आना है मुझको अब, तेरे सीने से लगना चाहती हूँ, // कुछ... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : कहा था मैंने,शब्दों मैं अपने रह जाऊंगा।पढोगे जब ज...

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : कहा था मैंने,शब्दों मैं अपने रह जाऊंगा। पढोगे जब ज... : कहा था मैंने,शब्दों मैं अपने रह जाऊंगा। पढोगे जब जब ,मैं तब नज़र मैं आऊंगा।। माना हर क्षण मेरा जाना पीड़ा तुमको देता है। दर्द वियोग का ह्... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

कहा था शब्दों मैं.........

"गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " कहा था मैंने,शब्दों मैं अपने रह जाऊंगा। पढोगे जब जब ,मैं तब नज़र मैं आऊंगा।। माना हर क्षण मेरा जाना पीड़ा तुमको देता है। दर्द वियोग का ह्रदय तुम्हारा वर्षो से ये सहता है।। तुम्हारे ह्रदय मैं,प्रतिबिम्ब है मेरा,कब से झांककर देखो अंतरमन मैं मिल जाऊंगा। कहा था शब्दों मैं......... माना मेरा जाना तुम्हे दर्द बहुत देता है,। ईश्वर जो चाहता है वही परीक्षा लेता है।। ये रूप,रंग ,शब्द ,सोच सब तुमसे पाया था। सब वहां छोड़कर मैं इस दुनिया मैं आया था। तुम खुद मैं देखो ,मैं मिल जाऊंगा। नही आऊंगा,वापस पर सदा तुम ही रह जाऊंगा।। तुम यदि तुम दुखी रहे ,तो मैं स्वयं को कैसे यहाँ खुश रख पाउँगा ।। कहा था मैंने शब्दों मैं मिल जाऊँगा,पढोगे जब-2 तब नज़र आउंगा ।। कोशिश की है "रत्न" ने आपकी भावनाओ को छूने की, कवी ह्रदय कहता है,शायद मैं कलम से अपनी आपका दर्द छु पाउँगा।। "गुप्त रत्न"
"गुप्त रत्न " " ख़ामोशी की गहराई मैं  " खो गए सारे रास्ते,तुम तक आने के लिए, बचा भी नहीं कोई,अब मंज़िल का पता बताने के लिए ॥ भटक गई हूँ,राहों मैं ज़िंदगी की, बची भी कहाँ मंज़िले,अब पाने के लिए ॥ गुमां न था आवारगी होगी इस क़दर , दिल तरसेगा एक अदद ठिकाने के लिए ॥ खो गए सारे ..................... पूछे जो कोई तन्हाई का सबब ,तो बताऊँ क्या? दर्द-ए-दास्ताँ है,किस्सा नहीं ये लोगो का मन बहलाने के लिए ॥ मुहब्बत ही कीमत रही "रत्न" की , खरीदार नहीं मिलते,अक्सर महंगी कीमत चुकाने के लिए ॥

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : खो गए सारे रास्ते,तुम तक आने के लिए,बचा भी नहीं क...

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : खो गए सारे रास्ते,तुम तक आने के लिए, बचा भी नहीं क... : खो गए सारे रास्ते,तुम तक आने के लिए, बचा भी नहीं कोई,अब मंज़िल का पता बताने के लिए ॥ भटक गई हूँ,राहों मैं ज़िंदगी की, बची भी कहाँ मंज़िले,... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : तो मेरा नाम नहीअसर हो रहा, थोडा-थोडा दिल पर अभी...

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : तो मेरा नाम नही असर हो रहा, थोडा-थोडा दिल पर अभी ... : तो मेरा नाम नही असर हो रहा, थोडा-थोडा दिल पर अभी तुमको दीवाना न बना के छोड़ा , तो मेरा नाम नही // यूँ तो बहुत सफ़र किया,तूने हुस्न-ए-बस... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "बिना किसी श...

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं " बिना किसी श... : "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " बिना किसी शर्त ,बिना किसी रस्मों और वादों के, सीने से लगकर कहना चाहती हूँ,अपन... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "
"गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " बिना किसी शर्त ,बिना किसी रस्मों और वादों के, सीने से लगकर कहना चाहती हूँ,अपनी साँसों से // कैसे बोलूं छुते हो मुझको,बिन छुए भी अपनी निगाहों से करती हूँ महसूस आपको ,अब बेनाम इन एहसासों से // रख दो हाथ सीने मैं ज़रा,धड़कन मचल रही है, आराम मिले कुछ,तड़प गए हम बेकाबू ज़ज्बातो से // नींदे भी बगावत करने लगी ,हमसे अब रातों मैं, बनकर हकीक़त एक रात आ जाओ,मेरे ख्वाबों से// सारी हया ,लिहाज़,छोड़ी अब,"रत्न"ने मजबूर हुये,इस क़दर दिल के हालातो से //

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : आप  ही बता दो ,गर है कोई और तरीका इज़हार-ए -हाल का...

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : आप  ही बता दो ,गर है कोई और तरीका  इज़हार-ए -हाल का... : आप  ही बता दो ,गर है कोई और तरीका  इज़हार-ए -हाल का / फस गए बुरे ,निकलना है बाहर बता दो तोड़, कोई इस जाल का // यूँ तो गुज़रे है,सदियों त... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न" "हिंदी कवितायेँ", : नहीं मिटेगी मृगतृष्णा,कस्तूरी मन के अन्दर है,सागर ...

"गुप्त रत्न " : नहीं मिटेगी मृगतृष्णा,कस्तूरी मन के अन्दर है,सागर ... : नहीं मिटेगी मृगतृष्णा,कस्तूरी मन के अन्दर है, सागर सागर भटकूँ मैं,प्यास बुझायें वो दरिया मेरे अन्दर है // शांत कहाँ ह्रदय मेरा,... गुप्त रत्न "हिंदी कवितायेँ",

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : कौन  चाहता है किसी से सज़दा कराना ,नहीं चाहते हम ,...

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : कौन  चाहता है किसी से सज़दा कराना , नहीं चाहते हम ,... : कौन  चाहता है किसी से सज़दा कराना , नहीं चाहते हम ,खुदको खुदा बनाना ॥ काफिर बन जाएँ कोई यहाँ ,तौबा "रत्न" खुदको क्यूँ इस गुनाह... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : कभी मनायी ,ईद मैंने और तूने साथ दिवाली है ,बांटी ...

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : कभी मनायी ,ईद मैंने और तूने साथ दिवाली है , बांटी ... : कभी मनायी ,ईद मैंने और तूने साथ दिवाली है , बांटी मैंने सेवई,तूने भी आँगन मेरे डाली रंगोली है  । दियें जलाएं है, तूने,और रातें वो सजा ली... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "बैचैनी दिखने...

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं " बैचैनी दिखने... : "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " बैचैनी दिखने लगी आँखों मैं मेरी, मत इतना भी तरसाओ मुझको !! बदलकर रोज़-... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "
"गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " बैचैनी दिखने लगी आँखों मैं मेरी, मत इतना भी तरसाओ मुझको !! बदलकर रोज़-रोज़ यूं शर्ते , मत इस क़दर आजमाओ मुझको !! उलझी हुई है,जिंदगी मेरी ज़ुल्फो की तरह, मत इन शर्तो की पहेली मैं और उलझाओं मुझको!! शर्त थी बारिश मुलाक़ात की , मौसम भी कहने लगा,मत अब इंतज़ार करवाओ मुझको !! मुमकिन है दिल को मंज़ूर हो सब, बदली है गर,शर्ते तो बताओ तो मुझको!! सामने बैठकर,पढ़ती हूँ निगाहों मैं आपकी , तड़प ये मेरी तरह, बताओ की न बताओ मुझको !! मुश्किल है सहना रात-दिन की तड़प ये, छोड़ कर कहती हूँ,लिहाज़ अब गले से लगाओ मुझको!!