"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : आप  ही बता दो ,गर है कोई और तरीका इज़हार-ए -हाल का...

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : आप  ही बता दो ,गर है कोई और तरीका
 इज़हार-ए -हाल का...
: आप  ही बता दो ,गर है कोई और तरीका  इज़हार-ए -हाल का / फस गए बुरे ,निकलना है बाहर बता दो तोड़, कोई इस जाल का // यूँ तो गुज़रे है,सदियों त...

"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

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