संदेश

नवंबर, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

गुप्तरत्न ज़नाब याद रखो, उन किस्सों मैं आप ही जगह ख़ास रखते है ll,

गुप्त रत्न " भावनाओं के समंदर मैं " दिल मैं अपने मुहब्बत और एहसास रखते है , दिलो को जला दे ,लफ्ज़ो मैं हम  वो आग रखते है ll  अँधेरी रातों को भी जो रोशनी   से जगमगा दे , कागज़ मैं  अपने ख्यालों के  वो  रोशन चिराग रखते है ll  जुगनू मैं भी चमक दिखती है जिनको  नज़रो मैं अपनी वो  तिशनगी -ए-तलाश रखते है ll  मातम भी मनाते है,यूँ की खबर न हो किसी को,  क्या जानो तुम,दिल मैं अपने अरमानो की लाश रखते है ll  सुन लो!  कहने वालों  हमको "आशिक़ मिज़ाज़ "  ज़ख्म देने वाले से  ही ,हम मलहम की भी आश रखते है ll हीरे है, हम छूटते  है हाथों से, पर टूटते नहीं कभी , हंसते रहते है , दिल मैं पर ज़ख्मो की खराश रखते है ll  जो बदनाम कर खुश हो रहे है,किस्से सुनाकर "रत्न" के ज़नाब याद रखो , उन किस्सों मैं आप  ही जगह ख़ास रखते है ll गिले भूलकर सारे , फिर  भी दुआएं करते है आपके हक़ मैं , कबूल हो दुआएँ ,आपके हक़ मैं  हम अरमान -ए -काश रखते है ll  https://m.starmakerstudios.com/share?recording_id=5348024548743488&

"गुप्तरत्न " : दिल मैं अपने मुहब्बत और एहसास रखते है ,दिलो मैं आग...

"गुप्तरत्न " : दिल मैं अपने मुहब्बत और एहसास रखते है ,दिलो मैं आग... : दिल मैं अपने मुहब्बत और एहसास रखते है , दिलो मैं आग लगा दे लफ्ज़ो मैं हम वो आग रखते है ll  अँधेरी रातों को भी जो रोशनी   से जगमग... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : वाकिफ हम है इस कहानी के अंजाम से ,पर करें भी क्या?...

"गुप्तरत्न " : वाकिफ हम है इस कहानी के अंजाम से ,पर करें भी क्या?... : वाकिफ हम है इस कहानी के अंजाम से , पर करें भी क्या? दिल धड़कने लगा है तेरे नाम से ll तू ही जाने ,मेरे मायने तेरी जिंदगी मैं, खास बन... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : poems available in audio .............�� click on ...

"गुप्तरत्न " : poems available in audio .............�� click on ... : poems available in audio ............. ��  click on below links  �� https://m.starmakerstudios.com/share?recording_id=534802454790... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : तुम  फिर  आयें, मेरी  जिंदगी  मैं यूँ,जैसे  दबी ह...

"गुप्तरत्न " : तुम  फिर  आयें, मेरी  जिंदगी  मैं यूँ, जैसे  दबी ह... : तुम  फिर  आयें, मेरी  जिंदगी  मैं यूँ, जैसे  दबी हुयी,  बीमारी  लौट आये ll भरा  ही  कहाँ , ज़ख़्म  दिल का अभी , बातें तेरी की , चोट पे फि... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : लिखूं क्यां ये समझ नहीं आ रहा ,दिल मैं जो है, वो ...

"गुप्तरत्न " : लिखूं क्यां ये समझ नहीं आ रहा , दिल मैं जो है, वो ... : लिखूं क्यां ये समझ नहीं आ रहा , दिल मैं जो है, वो भी कहा नही जा रहा ll तलब दोनों के दिलों मैं है मगर , तेरी प्यास मैं,और मेरी  तू समझ न... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "
"गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " गुप्त रत्न  मेरी तो जुबां काली है , हर बात सदाकत थी , संभाला तुम्हे , मेरी कमजोरी नहीं शराफत थी ll मुहब्बत  होती तो मरती न यूँ , जिंदा रहती , बदलनी ही थी एक दिन  ,मैं तो तेरी आदत थी ll सब कुछ लौटा दूंगी वैसा ही तुम्हें एक दिन , ये दर्द सब तेरे ही है ,  मेरे पास तो ज़मानत थी ll सबकुछ छोड़ बैठी थी , कभी तेरे वास्ते मैं , मुहब्बत मेरी ये,  दुनिया के  लिए तो बगावत थी ll बहुत अच्छे अदाकार हो, तुमने ही कहा था , आज भी दिखावा है, कल भी हर बात बनावट थी ll बिल्कुल नही बदले,आज भी मै ही गलत हूँ , इलज़ाम मुझको देना तो,तुम्हारी पूरानी आदत थी ll रुख बदला तो है , हवाओं का  जिंदगी मैं ," रत्न " ये हवाएं भी क़यामत है,वो हवाएं भी क़यामत थी ll गुप्त रत्न 

"गुप्तरत्न " : गुप्त रत्न मेरी तो जुबां काली है , हर बात सदाकत ...

"गुप्तरत्न " : गुप्त रत्न  मेरी तो जुबां काली है , हर बात सदाकत ... : गुप्त रत्न  मेरी तो जुबां काली है , हर बात सदाकत थी , संभाला तुम्हे ,मेरी कमजोरी नहीं शराफत थी ll मुहब्बत  होती तो मरती न यूँ , जिंदा ... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "अब अल्फ़ाज़ न...

"गुप्तरत्न " : "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं " अब अल्फ़ाज़ न... : "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " अब अल्फ़ाज़ नहीं बचे , आपको समझाने, यूँ भी वाकी न रहा ,   कुछ आपको बताने , मा... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

दुश्मन दिल का दिया

"गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " अब अल्फ़ाज़ नहीं बचे , आपको समझाने, यूँ भी वाकी न रहा ,   कुछ आपको बताने , माना नही  आता ,    इज़हार-ए-हाल ,बयां  नादां नही आप की  जरुरत है,  ये जताने  लग गया .अब करें भी तो क्या हम ,कहो  तुम बता दो, तरीका दिल तुमसे ये हटाने  दोस्तों की क्या कमी थी,दर्द देने के लिए  दुश्मन दिल का दिया ,खुदा  मुझे सताने  

"गुप्तरत्न " : आप चाहो तो जीत सकते है हम, भी  ये बाज़ी आपको दिल ह...

"गुप्तरत्न " : आप चाहो तो जीत सकते है हम, भी  ये बाज़ी आपको दिल ह... : आप चाहो तो जीत सकते है हम, भी  ये बाज़ी  आपको दिल हारना होगा मुझे जीताने के लिए ll दो कदम तुम चलो ,दो कदम मैं भी चलूँ , बस काफी है सफ़र,फ... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "