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आपके लिए गुप्त रत्न" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " आता ही नहीं समझना ख़ामोशी को , उनको हम समझाएं भी तो क्या ? उनको एहसास ही नहीं है ,कुछ , सीने से यूँ  लग जाएँ भी तो क्या ? अंधे है इस क़दर गुरुर मैं ,वो  हम दिल की तड़प बताएं भी तो क्या ? कुछ नज़र आता नहीं उनको , बेचैनी ये हम दिखलायें भी तो क्या ? जब यकीं ही नहीं हम पर,तो , ये किस्सा आगे बढ़ाएं भी तो क्या ? जब आँखों को ही न पढ़ सकें , तो ज़ुबा से हम सच जताएं भी तो क्या? सोच जब जिस्म तक हो, वहां  एहसास-ए-दिल समझाएं भी तो क्या ?

"गुप्तरत्न " : हुआ शामिल क्या मेरी जिंदगी मैं, तू थे जो शामिल जिं...

"गुप्तरत्न " : हुआ शामिल क्या मेरी जिंदगी मैं, तू थे जो शामिल जिं... : हुआ शामिल क्या मेरी जिंदगी मैं, तू  थे जो शामिल जिंदगी मैं, सब निकल गए ll बीते थे तेरे साथ,  खुशनुमा से जो , न जाने जवानी के, वो प... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : तेरे हाथों से मेरा हाथ ये छूट रहा है ,साथ है पुरा...

"गुप्तरत्न " : तेरे हाथों से मेरा हाथ ये छूट रहा है , साथ है पुरा... : तेरे हाथों से मेरा हाथ ये छूट रहा है , साथ है पुराना,पर ये अब छूट रहा है ll सांस लेना मुश्किल अब, हो रहा है,  इस रिश्ते मैं,ये मिर्च कौ... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : सब्र मेरा टूट रहा है,इतना भी न तरसाइए जनाब,llमर न...

"गुप्तरत्न " : सब्र मेरा टूट रहा है,इतना भी न तरसाइए जनाब,ll मर न... : सब्र मेरा टूट रहा है, इतना भी न तरसाइए जनाब,ll मर न जाऊँ तड़पकर, अब सीने से लगाइए जनाब ,ll खेल मैं टूट न जाऊं, इतना भी न झुका... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : अल्फ़ाज़ खत्म हुए अब कुछ बताने को यूँ भी बचा नही,अब ...

"गुप्तरत्न " : अल्फ़ाज़ खत्म हुए अब कुछ बताने को यूँ भी बचा नही,अब ... : अल्फ़ाज़ खत्म हुए अब कुछ बताने को  यूँ भी बचा नही,अब कुछ समझाने  को ll सीने से भी लग गए , अब हम तो तेरे , फिर भी न समझे तुम इस अफ़सान... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : for audio click on below linkhttps://m.starmakers...

"गुप्तरत्न " : for audio click on below link https://m.starmakers... : for audio click on below link https://m.starmakerstudios.com/share?recording_id=5348024547568737&share_type=fb ये मौसम कहता है बन जा... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : दुनिया तेज़ चली या मुझमे ही कम रफ़्तार थी,मैं रह गई,...

"गुप्तरत्न " : दुनिया तेज़ चली या मुझमे ही कम रफ़्तार थी,मैं रह गई,... : दुनिया तेज़ चली या मुझमे ही कम रफ़्तार थी, मैं रह गई,छंट गई ,जो खुशियाँ पाने कड़ी कतार थीll थोड़ी सी तू हिम्मत करता तो जुदा होती दास्ताँ... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : इज़हार -ए- मुहब्बत अब तू सिखा दे,कैसे कहूँ,कोई भाष...

"गुप्तरत्न " : इज़हार -ए- मुहब्बत अब तू सिखा दे, कैसे कहूँ,कोई भाष... : इज़हार -ए- मुहब्बत अब तू सिखा दे, कैसे कहूँ,कोई भाषा अब तू सिखा दे ll तेरे सामने आते ही लग जाते है ताले, कहाँ मिलेगी चाबी जुबां की तू... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : अब जीत हार की मुझे कोई परवाह ही नहीं,क्यूंकिअब ते...

"गुप्तरत्न " : अब जीत हार की मुझे कोई परवाह ही नहीं, क्यूंकिअब ते... : अब जीत हार की मुझे कोई परवाह ही नहीं, क्यूंकिअब तेरे सिवा मेरी,कोई चाह ही नहीं ll बस तेरी ही गलियों मैं मुड जाते है यूँ कदम, जैसेअब चलने... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : अब जीत हार की मुझे कोई परवाह ही नहीं,क्यूंकिअब ते...

"गुप्तरत्न " : अब जीत हार की मुझे कोई परवाह ही नहीं, क्यूंकिअब ते... : अब जीत हार की मुझे कोई परवाह ही नहीं, क्यूंकिअब तेरे सिवा मेरी,कोई चाह ही नहीं ll बस तेरी ही गलियों मैं मुड जाते है यूँ कदम, जैसेअब चलने... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : मानते है सच बहुत कड़वा होता है यहाँ .तभी तो आदमी स...

"गुप्तरत्न " : मानते है सच बहुत कड़वा होता है यहाँ . तभी तो आदमी स... : मानते है सच बहुत कड़वा होता है यहाँ . तभी तो आदमी सुनते ही बोखला जाता है सब्र की इंतिहा देख .बैठे है मयखाने मैं, नादां कोई यूं ,भी बिन प... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : poem available in audio .............�� click on b...

"गुप्तरत्न " : poem available in audio .............�� click on b... : poem available in audio ............. ��  click on below links  �� https://m.starmakerstudios.com/share?recording_id=5348024547065816&amp... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : तेरा दिल दुखाना यूँ ,कभी मेरा इरादा न रहा,पर रखूं...

"गुप्तरत्न " : तेरा दिल दुखाना यूँ ,कभी मेरा इरादा न रहा, पर रखूं... : तेरा दिल दुखाना यूँ ,कभी मेरा इरादा न रहा, पर रखूंगी दिल हमेशा, ये भी कभी वादा न रहा ll कभी हो सकें तो समझना मेरे ज़ज्बातों को ज़रा, सोचन... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "