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#गुप्तरत्न :तुझ पर असर करे मेरी तड़प में वो आह नहीं ,

"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं " कई बार इंतज़ार किया हमने,बची अब कोई राह नही  खुदा ही जाने, की समझा नहीं तू ,या तुझे मेरी परवाह नहीll  जितने बार किये इशारे ह्म्मने उतनी बार रुके भी हम , पर दिल ने  कह दिया अब ,की हां तुम्हे मेरी कोई चाह नही ,ll थक कर मेरी मुहब्बत ने कहा की और अब हौसला नहीं मुझमे  तुझ पर असर करे मेरी तड़प में वो आह नहीं , तेरे नाम के सिवा गर लिया है मेरी जुबान ने नाम कोई, तो दे सज़ा,खुदा जानता उससे बड़ा कोई इस बात का गवाह नहीं ii

#गुप्तरत्न कैसे लिखे सरेआम ख्याल अपने .......इरादा भटकने का तेरी गलियों में और

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"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

गुप्तरत्न : क्यूं न गुरूर तेरा जल सका ,॥मेरी चाहतों में क्य...

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गुप्तरत्न : क्यूं न गुरूर तेरा जल सका ,॥ मेरी चाहतों में क्य...: क्यूं न गुरूर तेरा जल सका , ॥ मेरी चाहतों में क्यूँ न वो आग थी , क्यूं न गुरूर इसमें तेरा जल सका ,॥ दुपहर भी रही,मेरे ग़मो... "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

गुप्तरत्न : "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "हलके लफ़्ज़ों ...

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गुप्तरत्न : "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं " हलके लफ़्ज़ों ...: "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " हलके लफ़्ज़ों से परहेज़ है रत्न.........शख्सियत को भारी रख ..........गुप्त रत्न... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

ग़ज़ल "गुप्त रत्न "हिंदी कवितायेँ : gupt ratn hindi kavityanतेरा   कांधा  , गर यूँ ही...

"गुप्त रत्न "हिंदी कवितायेँ : तेरा   कांधा  , गर यूँ ही... :  तेरा   कांधा  , गर यूँ ही रहेगा , मेरे आंसुओ को ठिकाना मिलेगा , तू यूँ ही  रह मेरे साथ पल पल ,  हँसते रहने का ...

"गुप्त रत्न "हिंदी कवितायेँ : अचानक पन्ने  पलटे  ,की कुछ ख्याल आ गयाकितने आगे आ...

ग़ज़ल "गुप्त रत्न "हिंदी कवितायेँ : अचानक पन्ने  पलटे  ,की कुछ ख्याल आ गया कितने आगे आ... : अचानक पन्ने  पलटे  ,की कुछ ख्याल आ गया कितने आगे आ चुके है,हम ये सवाल आ गया , एक एक पन्ना याद दिलाता रहा बीते वक़्त की कितना वक़्त गुज़र गय... gupt ratn hindi kavityan

ग़ज़ल "गुप्त रत्न "हिंदी कवितायेँ : मझधार मेरी ज़िन्दगी है ,अबकी किनारे अच्छे नहीं लगत...

ग़ज़ल "गुप्त रत्न "हिंदी कवितायेँ : मझधार मेरी ज़िन्दगी है ,अब की किनारे अच्छे नहीं लगत... : मझधार मेरी ज़िन्दगी है ,अब की किनारे अच्छे नहीं लगते , मैं जीतूंगी या नहीं ,नहीं मालूम , पर तुम हारे अच्छे नहीं लगते , बस आवाज़ सुने मेरी... gupt ratn hindi kavityan