संदेश

"गुप्त रत्न " लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

गुप्तरत्न : "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "गुप्तरत्न "भ...

गुप्तरत्न : "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं " गुप्तरत्न "भ... : "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " गुप्तरत्न "भावनायों के समन्दर मैं" "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "
बस इस मुहब्बत और दिल ने हरा दिया "रत्न" को , वरना दुनिया की कोई शह नहीं जो जीत पाती ,इससे
कागज़ पर उतार दी मैंने वो सारी खवाहिशे , जो मेरी ख़ामोशी कहने मैं नाकामयाब रही / 

"गुप्त रत्न" मुझे उन राहों पर अब फिर ...

मुझे उन राहों पर अब फिर ... :  मुझे उन राहों पर अब फिर न ले जाना , तुम्हारा प्रेम मेरे लिए अब मत बताना , पहले ही टूटी हुईं हूँ ,दिल की चोटों से...