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#गुप्तरत्न ये जो #कहानी है,इसको अब यूँ रहने देते है ,

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"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं " माना की पहले सा ,तेरी गलियों में, आना जाना नहीं, पर ये भी यकीं  रख, तेरे  दिल  के  सिवा  मेरा कोई  और ठिकाना भी नहीं।  maana ki pahle sa teri galiyon mein,mera aana jaana nahi, par ye bhi yakin rakh,dil ka tere siva koi aur thikaana bhi nahi, तुझसे नाराज़ हो जाऊं,ये मेरे वश में था ही नहीं, कभी पर अब दिल में है तो कुछ,मुझे भी नहीं पता क्या ?और तुझे समझाना भी नहीं।  Tujhse naaraz ho jaayun,ye mere vash mein tha hi nahi kabhi, ab kuch dil mein hai to,Mujhe bhi nahi pata tujhe samjhaana bhi nahi. इक आज़ादी की किरण सी दिखाई दी है मुद्द्तो बाद, अब तेरे ख़्यालों की गिरफ़्त में,मुझे दिल को ओर सताना भी नहीं।  ek aazadi ki kiran si dikhai di hai ,muddato baatd, ab tere khayalon ki girfat mein,mujhe dil ko aur sataana bhi nahi. गांठ पे गांठ ,गांठ पे गांठ, धागे सा उलझते जा रहा दिल, हम सुलझा तो नही पाएंगे,पर अब मुझे खुदको ओर उलझाना भी नही। Gaanth_Pe_gaanth ,2 ,dhaage sa uljhte jaa raha dil  hm suljha to nahi paayenge...

#सुना गुप्तरत्न ने तुझे तेरी आवाज़ में

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#सुना गुप्तरत्न ने तुझे तेरी आवाज़ मे © "गुप्त रत्न" अभी और एक मुद्दत लगेगी ,हमें इस हालत में आने में, की जहाँ तू सामने हो,और ज़ुबान साथ दे हाल-ए-दिल बताने में। Abhi aur ek muddat legegi ,hmen is haalat mein aane mien, ki jahan saamne  tu  ho,aur juban saath de Haal-E-Dil bataane mein, होता कहाँ है इतना ?,सब खत्म हो जाता है ,वक़्त कुछ तेरे सीने से लगने में,और तुझे गले लगाने में,। Hota kahan hai,Itna? Sab kahatm ho jaata hai,Waqt, Kuch tere seene se lange Mein,Aur tujhe gale lagaane mein. जाने कितने ही मौसम गुज़र गए यूँ ही, हमें अपना बताने में,और तुम्हे अपना  हाल-ए-दिल  छिपाने में। Jaane Kitne hi Mousam Gujar gaye yun hi, hmen apna Hal-E-Dil batane mein aur tumhe apna chipaane mein, बेमकसद ,बेमंज़िल सफर है,मुसाफिर जानते है मगर, फिर भी बुरा न लगा दोनों को,इन राहों पे आने-जाने से। bemaksad,Bemanzil safar hai,Musafir jaante They mangar, Fir Bhi Bura N laga dono ko,In raahon pe aane-jaane se . मुनासिब भी लगा,और पसंद भी आया गुफ्तगू का ज़रिया ये, पढ़ा तूने मुझे मेरे लफ़्ज़ों में,सु...