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"गुप्तरत्न " : गुजरे लम्हें याद आते तो होंगे,अब भी वो तेरी आँखों...

"गुप्तरत्न " : गुजरे लम्हें याद आते तो होंगे, अब भी वो तेरी आँखों... : गुजरे लम्हें याद आते तो होंगे, अब भी वो तेरी आँखों मैं आसूं आते तो होंगे,ll सुनते तुम अब भी होंगे सब , अब भी वो गजले तेरे होठ गुनगुनाते ... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : दूर कही चलो तन्हा ,तन्हा रातों मैं,लेकर साथ मुझे ...

"गुप्तरत्न " : दूर कही चलो तन्हा ,तन्हा रातों मैं, लेकर साथ मुझे ... : दूर कही चलो तन्हा ,तन्हा रातों मैं, लेकर साथ मुझे ,रहे हाथ हाथों मैं ll कुछ भी न बोल पायेंगे हम सामने , कह देंगे सब,ख़ामोशी से बातों मैं... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : मेरा कोई दोष मुझे तुम बता दो,फिर चाहे जो भी हो तुम...

"गुप्तरत्न " : मेरा कोई दोष मुझे तुम बता दो,फिर चाहे जो भी हो तुम... : मेरा कोई दोष मुझे तुम बता दो, फिर चाहे जो भी हो तुम सज़ा दो ll जो   कहोगे  वो मंज़ूर कर लुंगी ,मैं मजबूर हूँ,अपना हक भी जता लो ll ... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : बहुत हुआ,गुज़रे वक़्त से अब है निकलना ,कैद ख्यालों क...

"गुप्तरत्न " : बहुत हुआ,गुज़रे वक़्त से अब है निकलना ,कैद ख्यालों क... : बहुत हुआ,गुज़रे वक़्त से अब है निकलना , कैद ख्यालों की , तोड़कर है  निकलना ll कभी कहाँ बिगड़ी रंगों पर तबियत मेरी , फितरत है,काले रंग ... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : दिल मेरा लग नही रहा किसी के पास कहीं ,देखो छूटा तो...

"गुप्तरत्न " : दिल मेरा लग नही रहा किसी के पास कहीं ,देखो छूटा तो... : दिल मेरा लग नही रहा किसी के पास कहीं , देखो छूटा तो नहीं, उस रात तेरे पास कहीं ll  आग तो दोनों ज़ानिब,लगी दिल की बराबर,l देखो जलकर ... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : आजकल ख्यालों मैं कुछ आ नही रहा हैlक्यूँ?  क्यूंकि...

"गुप्तरत्न " : आजकल ख्यालों मैं कुछ आ नही रहा हैl क्यूँ?  क्यूंकि... : आजकल ख्यालों मैं कुछ आ नही रहा है l क्यूँ?  क्यूंकि दिल से तू  जा नही रहा है  l l जिसने भी देखा, हो गया दीवाना मेरा  l क्यूँ?  तुझको मे... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": तेरी तस्वीर देखते ही ,रुकते नही आँखों से अब भी आं...

"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": तेरी तस्वीर देखते ही , रुकते नही आँखों से अब भी आं... : तेरी तस्वीर देखते ही , रुकते नही आँखों से अब भी आंसू आते है,ll मुहब्बत है तुझसे की, तेरे साथ वो गुज़रे लम्हे याद आते है ll बेबसी देख म... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": इक इशारा कर दे बाहों में बिखर जाएंगे lइससे ज्यादा...

"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": इक इशारा कर दे बाहों में बिखर जाएंगे l इससे ज्यादा... : इक इशारा कर दे बाहों में बिखर जाएंगे l इससे ज्यादा गर संभले ,तो मर जाएंगे मैं ll न लीजिये इम्तिहान मेरे इस कदर ए ज़नाब l करने पे आएंगे त... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": तू ही बता खुद को समझाएं कैसे lये तड़प दिल की,तुम...

"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": तू ही बता खुद को समझाएं कैसे l ये तड़प दिल की,तुम... : तू ही बता खुद को समझाएं कैसे l ये तड़प दिल की,तुम्हे बताएं कैसे ll खेल रहे है, इस क़दर मेरे दिल से l तेरी तरह हम भी,तुझे सताएं कैसे ll सवाल... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": चाहते थे बेचैनिया मिटाना हम, आपके  पास आकर lपर ये...

"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": चाहते थे बेचैनिया मिटाना हम, आपके  पास आकर l पर ये... : चाहते थे बेचैनिया मिटाना हम, आपके  पास आकर l पर ये क्या? प्यास मेरी बढ़ गई, आपके  पास आकर ll क्या कहूँ? नाम दूँ क्या, इन एहसासों को नही प... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": कैसे छुपाऊं ये  झूठ कहा नही जाता lकह दूँ ज़माने स...

"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": कैसे छुपाऊं ये  झूठ कहा नही जाता l कह दूँ ज़माने स... : कैसे छुपाऊं ये  झूठ कहा नही जाता l कह दूँ ज़माने से ,खुद से कहा नही जाता ll खमोश मैं हो जाऊं,पर निगाहों का क्या करूँ  l सामने आते ही ते... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": सभी शिक्षकों को समर्पित  एक शिक्षिका की नज़र से ...

"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": सभी शिक्षकों को समर्पित  एक शिक्षिका की नज़र से  ... : सभी शिक्षकों को समर्पित  एक शिक्षिका की नज़र से  "रत्न" ने  देखा है, इन बच्चो को बड़े गौर से , छोटे होते है ,पर समझते है दुनिया... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": हृदय बना सारंगी जैसा,धड़कन जैसे हो इसके तार lदेखें...

"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": हृदय बना सारंगी जैसा,धड़कन जैसे हो इसके तार l देखें... : हृदय बना सारंगी जैसा,धड़कन जैसे हो इसके तार l देखें तुझको जब जब बजते,ऐसे जैसे छेड़े राग मल्हार ll आतुर हृदय मेरा ,आँखे तुझे बताती है, व्य... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": "गुप्तरत्न" भावनायों के समन्दर मैं बिन गुनाहों के ...

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": "गुप्तरत्न" भावनायों के समन्दर मैं बिन गुनाहों के ... : चल बख्श दिए गुनाह तेरे सारेl मुन्तज़िर हूँ,बस इक जवाब दे दे ll मैं बावफ़ा न थी कभी ,माना l तू गुज़रे सालो का हिसाब दे दे ll कब से... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "