"गुप्तरत्न " : मेरा कोई दोष मुझे तुम बता दो,फिर चाहे जो भी हो तुम...

"गुप्तरत्न " : मेरा कोई दोष मुझे तुम बता दो,फिर चाहे जो भी हो तुम...: मेरा कोई दोष मुझे तुम बता दो, फिर चाहे जो भी हो तुम सज़ा दो ll जो   कहोगे  वो मंज़ूर कर लुंगी ,मैं मजबूर हूँ,अपना हक भी जता लो ll ...

"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

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