"गुप्तरत्न " : दूर कही चलो तन्हा ,तन्हा रातों मैं,लेकर साथ मुझे ...

"गुप्तरत्न " : दूर कही चलो तन्हा ,तन्हा रातों मैं,
लेकर साथ मुझे ...
: दूर कही चलो तन्हा ,तन्हा रातों मैं, लेकर साथ मुझे ,रहे हाथ हाथों मैं ll कुछ भी न बोल पायेंगे हम सामने , कह देंगे सब,ख़ामोशी से बातों मैं...

"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

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