"गुप्तरत्न " : दिल मेरा लग नही रहा किसी के पास कहीं ,देखो छूटा तो...

"गुप्तरत्न " : दिल मेरा लग नही रहा किसी के पास कहीं ,देखो छूटा तो...: दिल मेरा लग नही रहा किसी के पास कहीं , देखो छूटा तो नहीं, उस रात तेरे पास कहीं ll  आग तो दोनों ज़ानिब,लगी दिल की बराबर,l देखो जलकर ...

"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

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