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गुप्तरत्न :चुनिदा अलफ़ाज़ आपके लिए नहीं

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"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

#गुप्तरत्न : गुप्तरत्न :चुनिदा अलफ़ाज़

गुप्तरत्न : गुप्तरत्न :चुनिदा अलफ़ाज़ "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

गुप्तरत्न : गुप्तरत्न :चुनिदा अलफ़ाज़

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# गुप्तरत्न : गुप्तरत्न :चुनिदा अलफ़ाज़ "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

#गुप्तरत्न : अज़ब किरदार था उसका भी किताब मैं ,आखिरी पन्ने तक उस...

गुप्तरत्न : अज़ब किरदार था उसका भी किताब मैं ,आखिरी पन्ने तक उस... : अज़ब किरदार था उसका भी किताब मैं , आखिरी पन्ने तक उसका नाम आता रहा ll      इश्क मैं जुबां का काम कम होता है , ... "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

# अज़ब किरदार था उसका भी किताब मैं ,आखिरी पन्ने तक उस...

गुप्तरत्न : अज़ब किरदार था उसका भी किताब मैं ,आखिरी पन्ने तक उस... : अज़ब किरदार था उसका भी किताब मैं , आखिरी पन्ने तक उसका नाम आता रहा ll      इश्क मैं जुबां का काम कम होता है , ... "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

#गुप्तरत्न : गुप्तरत्न

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गुप्तरत्न : हर बच्चे की कहानी गुप्त रत्न की ज़ुबानी

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"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

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#गुप्तरत्न :भावनायों के समन्दर में चुनिदा लफ्ज़

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"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

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गुप्तरत्न : "गुप्तरत्न ""भावनाओं के समंदर मैं " कैसे आस लगाएं... : "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं " कैसे आस लगाएं उत्तरदायित्व की, हम बच्चे से , दो काम उन्हें जो कर पाएं ,वो अच्... "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

कैसे आस लगाएं उत्तरदायित्व की, हम बच्चे से ,

"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं " कैसे आस लगाएं उत्तरदायित्व की, हम बच्चे से , दो काम उन्हें जो कर पाएं ,वो अच्छे से , दो कुछ पेड़ लगाने उनको तुम बाग़ में , जिनको वो बढ़ता देखें,ऋतू आये जब फाग में , कुछ है संगीत विशारद , तो कुछ है अच्छे खेल में, दो सजाने राग उन्हें तुम,दो अवसर, मत बांधो नियमो की जेल में, कुछ है बड़े तो कुछ छोटे,कुछ नटखट तो कुछ संजीदा, दे उनके काम उन्हें तुम कुछ उनके पसंदीदा, कुछ सबक देती है, हम सबको जीवन की पाठशाला, जिसको हम सबने जीवन में है ढाला, वही सबक दो बच्चो को व्यवहार में , जिनको करें वो पूरा, और लाएं भी विचार में, कभी बना दो उनको अध्यापक, कभी सिखाएं वो बच्चो को, बनने दो तुम नेता उनको ,कम मत समझो मन के सच्चों को, बीज वो दो तुम संस्कारों का कोमल से इस मन में, बनेगा पेड़ कल घना ,जो पौधा था बचपन में ll