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"गुप्त रत्न" "भावनाओं के समन्दर मैं आपके लिए" लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

#swal karun bhi to kaise tujhse

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"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

taalukkaat khatam hone ki shuruaat kab ki ho chuki

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#kahani ka aakhri adhyaay

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"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

बड़ी दिक्कते है

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"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं " बड़ी  दिक्कते है  कै से मिले तेरी गलियों में खुलके  बड़ी दिक्कते है  मशहूर तुम भी मशहूर हम भी , बड़ी दिक्कते है , मिलना भी है और छुपना भी है ज़माने से ,  बड़ी दिक्कते है , यूँ तो गलियों में शिकवे है,अंधेरो के , पर उस एक गली में उजाला है , बड़ी दिक्कते है , उस पे मशहूर तुम ,मशहूर हम  बड़ी दिक्कते है , चर्चे है ,तेरे और मेरे इन गलियों में, कैसे बचे सबसे  बड़ी दिक्कते है , उलझना तुमको भी नहीं हमको भी नहीं , फिर भी उलझ रहें है ,क्या करे अब ? बड़ी दिक्कते है , जो मिलें हम तो उलझन ,न मिलें तो उलझन, उलझ गए है दोनों, बड़ी दिक्कते है , उस पर मशहूर तुम भी हम भी  इन गलियों में , बड़ी दिक्कते है।।।।।

#guptratnsamjh

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"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

taumr jaruri rahna chahti hun

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you tube vedios link गुप्तरत्न : गुप्तरत्न :शराब "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं " ©

#सुना गुप्तरत्न ने तुझे तेरी आवाज़ में

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#सुना गुप्तरत्न ने तुझे तेरी आवाज़ मे © "गुप्त रत्न" अभी और एक मुद्दत लगेगी ,हमें इस हालत में आने में, की जहाँ तू सामने हो,और ज़ुबान साथ दे हाल-ए-दिल बताने में। Abhi aur ek muddat legegi ,hmen is haalat mein aane mien, ki jahan saamne  tu  ho,aur juban saath de Haal-E-Dil bataane mein, होता कहाँ है इतना ?,सब खत्म हो जाता है ,वक़्त कुछ तेरे सीने से लगने में,और तुझे गले लगाने में,। Hota kahan hai,Itna? Sab kahatm ho jaata hai,Waqt, Kuch tere seene se lange Mein,Aur tujhe gale lagaane mein. जाने कितने ही मौसम गुज़र गए यूँ ही, हमें अपना बताने में,और तुम्हे अपना  हाल-ए-दिल  छिपाने में। Jaane Kitne hi Mousam Gujar gaye yun hi, hmen apna Hal-E-Dil batane mein aur tumhe apna chipaane mein, बेमकसद ,बेमंज़िल सफर है,मुसाफिर जानते है मगर, फिर भी बुरा न लगा दोनों को,इन राहों पे आने-जाने से। bemaksad,Bemanzil safar hai,Musafir jaante They mangar, Fir Bhi Bura N laga dono ko,In raahon pe aane-jaane se . मुनासिब भी लगा,और पसंद भी आया गुफ्तगू का ज़रिया ये, पढ़ा तूने मुझे मेरे लफ़्ज़ों में,सुना मैंने

#guptratn आपके लिये #shayri aapke liye

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#guptratn shayri

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"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

इश्क़ है ?"न" कहके तुमसे, दुनिया के आगे खुदको अंजान कर लिया /

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ऊब  गए,धूप छावं के इस खेल से अब,कि अब खुदको  बहलाने का ,हमने कुछ और इंतजाम कर लिया / चल रहे थे चर्चे ,तेरे दर्द के तेरी गली में , सुनके हमने भी ,दिल को थोडा  सा परेशान  कर लिया / दवा हो नही सकते थे ,पर दुआ का काम कर दिया , खुदा के आगे सर झुका के वो सज़दा तेरे नाम कर दिया / जो तेरी मर्ज़ी है बेरुखी , तो अब  इस पे भी तेरा "मान "कर लिया , हमने भी चुपके चुपके ,दिल में रुख बदलने का एलान कर दिया / हमने भी करना  "इकरार ",बंद अब खुल-ए-आम कर दिया , इश्क़ है ?"न" कहके तुमसे ,दुनिया के आगे खुदको अंजान कर लिया / हर चीज़ की ऊम्र तय है ,इस किस्से का भी तय अंजाम कर लिया , चढ़ चुका था जो ,उस इश्क़ ने अब उतरना शुरू ढ़लान कर दिया /

#GUPTRATN आपके लिए तो सोच लेना की मुझसे प्यार नहीं ,

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अगर ये बारिश तुम्हारे दिल को न भिगाए , तो सोच लेना की मुझसे प्यार नहीं , अगर ये हवाएं मेरी याद न दिलाएं , तो सोच लेना की मुझसे प्यार नहीं , किसी झील ,नदी के पानी में मेरा अक्स नज़र न आये , तो सोच लेना की मुझसे प्यार नहीं , अगर रंगों में मेरा रंग नज़र न आये  तो सोच लेना की मुझसे प्यार नहीं , किसी की हंसी में गर में  न खिलखिलाऊं  तो सोच लेना की मुझसे प्यार नहीं , तेरी बातों में गर में न आऊँ , तो सोच लेना की मुझसे प्यार नहीं , महफ़िल में न लगे गर तन्हाई , मेरा इंतजार न हो,हर आहट पे न लगे की कहीं मैं तो नहीं आई  तो सोच लेना की मुझसे प्यार नहीं , बहुत चाहने वाले है तेरे ,जब  मिलो उनसे और में न होके  भी बीच न आऊँ , तेरे दिल -दिमाग को में  मेरी ही तरह न उलझाऊँ , तो सोच लेना की मुझसे प्यार नहीं  तेरी हर गीत ,तेरी ही आवाज़ में न गाऊँ , तो सोच लेना की ,हाँ .......मुझसे प्यार नहीं