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#Guptratn:अच्छे-अच्छे सिकंदर यहाँ वक़्त की लिए मार बैठे है॥

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तुम  बाताओ तो अपनी कीमत सही, कब से,बाज़ार में तेरे खरीददार बैठे है , क्या मांगोगे ज्यादा से ज्यादा तुम, हम तो हथेली पे  जां लिए यार बैठे है।    छिप के लड़े भी तो क्या लड़े तुम   सामने तो आओ हम भी कब से लिए हथियार बैठे है,   लगता है जिनको की ये तमाशा है इक आदमी का,   भूलते है, कि ऊपर वाले के खेल में और भी किरदार बैठे है ॥ कहते है यार,कि गिर गए है, बहुत नीचे, करें भी क्या? गर्द  पे जो दिल हार बैठे है ॥ क्यों तकाज़ा करते हो हर घडी मुहब्बत का अपनी, इस दिल-ए-बस्ती में ,मेरे और भी कर्ज़दार बैठे है ॥ डूबना तो  तय है दिल कि कश्ती का मेरे,  #गुप्तरत्न, मझधार में हम भी तो कब से बिन लिए पतवार बैठे है ॥   कैसे होगी इक राय कायम,  किसी मस्ले पे  कभी,  वो भी तो मिली -जुली सरकार लिए बैठे है ॥  बहुत नचाते थे , सल्तनत थी उनके हाथों में कभी, चुप है,कठपुतली बने, दूजे हाथ अब उनके लिए तार बैठे है ।  बदलता है मौसम बदलती है रुख हवाएं भी, अच्छे-अच्छे सिकंदर यहाँ  वक़्त की लिए मार बैठे है॥

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": मशगला सा ,न तआरूफ कराना यारों मैं "रत्न"के नाम का,..

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": मशगला सा ,न तआरूफ कराना यारों मैं "रत्न"के नाम का, : किसी शायर ने कहा ये खूब , "इश्क एकतरफा हुआ कभी न हुआ होगा "// समन्दर मैं गर उठ रही है लहरें , तो बादल पर भी तो इसका असर... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "
"गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " स्वतन्त्रता दिवस के उपलक्ष्य .. हिन्दू,मुस्लिम,सिख इसाई सब इसकी शान है, और नहीं कही हम यारो "ये अपना हिन्दुस्तान है। हाथों मैं रखता कोई गीता,पढता कोई कुरआन है, और नही कही हम यारो "ये अपना हिन्दुस्तान है " दुआ भी होती,नात भी सुनते और कहते कव्वाली भी, और यही पर  सुनते हम भजनों की मधुरम  तान है।। "शूरवीर महाराणा" यही पर हुए "अकबर महान" है, और नही कही हम यारो "ये अपना हिन्दुस्तान है। सियासत भी बोलती है, ज़हर नफरत का घोलती है / आयें मिटाने इस प्रेम को कई सियासी शैतान है।। फुट डालकर राज किया कई ,गोरे और देशी हैवान है , अब नही करने देंगे ये,यहाँ अपना घर ये  हिन्दुस्तान है।। हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई सब इसकी शान है , और नही कही हम यारो "ये अपना हिन्दुस्तान है।। जय हिन्द।