"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": मशगला सा ,न तआरूफ कराना यारों मैं "रत्न"के नाम का,..

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं":
मशगला सा ,न तआरूफ कराना यारों मैं "रत्न"के नाम का,
: किसी शायर ने कहा ये खूब , "इश्क एकतरफा हुआ कभी न हुआ होगा "// समन्दर मैं गर उठ रही है लहरें , तो बादल पर भी तो इसका असर...

"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

टिप्पणियाँ