#गुप्त रत्न " क्या लिखना है "
"गुप्त रत्न "खमोशी की गहरे मैं : गुप्त रत्न " क्या लिखना है ": कोरे है ये पन्ने कब से ,अब इनमे लिखना है , जो कुछ रह गया अनकहा वो सब लिखना है // कितने ज़ख़्म दिए तूने,कितनी घायल हूँ मैं, बता न सक...
"गुप्त रत्न "
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