"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : तुम तो सारथि हो मेरे ,तुम बिन राह कौन दिखाएगा,नाह...
"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : तुम तो सारथि हो मेरे ,तुम बिन राह कौन दिखाएगा,
नाह...: तुम तो सारथि हो मेरे ,तुम बिन राह कौन दिखाएगा, नाहक डरते हो,तुम हो साथ तो कौन मुझे भटकाएगा// यकीन मानो तुम ,तुम हो ,तुम्हारी जगह कौन ले ...
"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "
नाह...: तुम तो सारथि हो मेरे ,तुम बिन राह कौन दिखाएगा, नाहक डरते हो,तुम हो साथ तो कौन मुझे भटकाएगा// यकीन मानो तुम ,तुम हो ,तुम्हारी जगह कौन ले ...
"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "
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