गुप्त रत्न "ख़ामोशी की गहराई में", : खुदा तुझे माफ़ न करेगा,तेरे इस गुनाह की खातिर ,क़ुरा...

"गुप्त रत्न " ख़ामोशी की गहराई मैं : खुदा तुझे माफ़ न करेगा,तेरे इस गुनाह की खातिर ,क़ुरा...: खुदा तुझे माफ़ न करेगा,तेरे इस गुनाह की खातिर , क़ुरान सा दिल ठुकरा दिया तूने ,तेरी आवारगी की खातिर// तू जानता था की काले रंग से मुहब्...

"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

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