"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": जगमगा रही है,अंधेरो को ,उस रौशनी को रहने दे/जिद ...

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं":
जगमगा रही है,अंधेरो को ,उस रौशनी को रहने दे/
जिद ...
: जगमगा रही है,अंधेरो को ,उस रौशनी को रहने दे/ जिद मैं ,क्या मेरी जिंदगी से वो दिया भी बुझाएगा // न बन  खुदा ,वक़्त को करने दे फ़ैसला,जिंदग...

"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

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