गुप्त रत्न -हिंदी कवितायेँ, : कागज़ पर स्याही विखेरना क्या होता है,बताती हूँ की ...

"गुप्त रत्न "  : कागज़ पर स्याही विखेरना क्या होता है,
बताती हूँ की ...
: कागज़ पर स्याही विखेरना क्या होता है, बताती हूँ की लिखना क्या होता है// कभी चलकर आये है ,जिन काँटों सी राहों पर, चुभन वो  ,बार बार महसूस...

"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

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