"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : सिमट जाऊं ,तेरी बाहों मैं,इस इम्तिहा तक तरसाना चा...

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : सिमट जाऊं ,तेरी बाहों मैं,
इस इम्तिहा तक तरसाना चा...
: सिमट जाऊं ,तेरी बाहों मैं, इस इम्तिहा तक तरसाना चाहते हो,//? मोम सी पिघल रही हूँ , खुद भी आग हो ये बताना चाहते हो //?  प्यास नही तुमक...

"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

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