"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": मुकर्रर दिन बता दो, फासले और ये गिले मिटाने //न छ...
"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": मुकर्रर दिन बता दो, फासले और ये गिले मिटाने //
न छ...: मुकर्रर दिन बता दो, फासले और ये गिले मिटाने // न छिनना चाहा न चुराना, हौसला कर ही लिया आखिर इसे पाने // मुहब्बत के हाथो बिकता है &...
"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "
न छ...: मुकर्रर दिन बता दो, फासले और ये गिले मिटाने // न छिनना चाहा न चुराना, हौसला कर ही लिया आखिर इसे पाने // मुहब्बत के हाथो बिकता है &...
"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें