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गुप्तरत्न : क्यूं न गुरूर तेरा जल सका ,॥मेरी चाहतों में क्य...

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गुप्तरत्न : क्यूं न गुरूर तेरा जल सका ,॥ मेरी चाहतों में क्य...: क्यूं न गुरूर तेरा जल सका , ॥ मेरी चाहतों में क्यूँ न वो आग थी , क्यूं न गुरूर इसमें तेरा जल सका ,॥ दुपहर भी रही,मेरे ग़मो... "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

गुप्तरत्न नहीं मिटेगी मृगतृष्णा कस्तूरी मन के अन्दर है .........तुफानो से घिरा समन्दर है

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"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

गुप्तरत्न : मुझे दोस्ती से डर लगता है,मुझे मुहब्बत से डर लगता ...

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गुप्तरत्न : मुझे दोस्ती से डर लगता है,मुझे मुहब्बत से डर लगता ... :  मु झे दोस्ती से डर लगता है, मुझे मुहब्बत से डर लगता है , डरती हूँ जुड़ने से लोगो से , क्यूंकि मुझे अलग होने से डर लगता है ॥             दीखते नहीं है चेहरे लोगो के ठीक से ,               इसलिए मुझे अंधेरो से डर लगता है                आँखे चौंधिया जाती है, इसलिए               मुझे तेज उजालों से डर लगता है ॥ मुददते हुई ठिकाना छोड़े हुए , की मुझको अब बसने से डर लगता है , आवारगी का आलम भी रहा गज़ब, की राहों पर ही घर लगता है, की मुझे अब घर से डर लगता है,॥                                            मुझे जुड़ने से डर लगता है ................... झुका देती है हर किसी के आगे, की मुझे ऐसी गरीबी से डर लगता है, हर शह खरीदने की चाहत करें की, मुझे ऐसी अमीरी से डर लगता है ॥                                         बदल जाते है मायने बातों के,                                            ऐसे झूठ से डर लगता है,                  

गुप्तरत्न : दिल मेरा मजबूरी से नहीं मुहब्बत से दबा है ,पर इसे...

गुप्तरत्न : दिल मेरा मजबूरी से नहीं मुहब्बत से दबा है , पर इसे... : दिल मेरा मजबूरी से नहीं मुहब्बत से दबा है , पर इसे ज्यादा दबाना अच्छी बात नहीं ll अहमियत रखते हो ,जानते हो मेरी जिंदगी मैं , पर इसका फा... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "