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देखे कब तलक रखते हो खुद पर इख़्तियार गुप्तरत्न

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"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

आपके लिए गुप्तरत्न : बहुत डूबी हूँ बहुत डूबीं हूँ , तुममे लफ्जों मैं इत...

गुप्तरत्न : बहुत डूबी हूँ बहुत डूबीं हूँ , तुममे लफ्जों मैं इत... : बहुत डूबी हूँ बहुत डूबीं हूँ , तुममे लफ्जों मैं इतनी तब ये गहराइयाँ आयी है ,ll सर पे सूरज था तो साथ न था कोई , उतरा जो सू... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

आपके लिए गुप्त रत्न" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " आता ही नहीं समझना ख़ामोशी को , उनको हम समझाएं भी तो क्या ? उनको एहसास ही नहीं है ,कुछ , सीने से यूँ  लग जाएँ भी तो क्या ? अंधे है इस क़दर गुरुर मैं ,वो  हम दिल की तड़प बताएं भी तो क्या ? कुछ नज़र आता नहीं उनको , बेचैनी ये हम दिखलायें भी तो क्या ? जब यकीं ही नहीं हम पर,तो , ये किस्सा आगे बढ़ाएं भी तो क्या ? जब आँखों को ही न पढ़ सकें , तो ज़ुबा से हम सच जताएं भी तो क्या? सोच जब जिस्म तक हो, वहां  एहसास-ए-दिल समझाएं भी तो क्या ?

"गुप्तरत्न " : तेरा दिल दुखाना यूँ ,कभी मेरा इरादा न रहा,पर रखूं...

"गुप्तरत्न " : तेरा दिल दुखाना यूँ ,कभी मेरा इरादा न रहा, पर रखूं... : तेरा दिल दुखाना यूँ ,कभी मेरा इरादा न रहा, पर रखूंगी दिल हमेशा, ये भी कभी वादा न रहा ll कभी हो सकें तो समझना मेरे ज़ज्बातों को ज़रा, सोचन... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : मेरा कोई दोष मुझे तुम बता दो,फिर चाहे जो भी हो तुम...

"गुप्तरत्न " : मेरा कोई दोष मुझे तुम बता दो,फिर चाहे जो भी हो तुम... : मेरा कोई दोष मुझे तुम बता दो, फिर चाहे जो भी हो तुम सज़ा दो ll जो   कहोगे  वो मंज़ूर कर लुंगी ,मैं मजबूर हूँ,अपना हक भी जता लो ll ... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " नहीं मिटेगी मृगतृष्णा,कस्तूरी मन के अन्दर है,सागर ...

"गुप्त रत्न" नहीं मिटेगी मृगतृष्णा,कस्तूरी मन के अन्दर है,सागर ... : नहीं मिटेगी मृगतृष्णा,कस्तूरी मन के अन्दर है, सागर सागर भटकूँ मैं,प्यास बुझायें वो दरिया मेरे अन्दर है // शांत कहाँ ह्रदय मेरा,... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "