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"गुप्त रत्न" दफ़न हो गई मेरी ख्वाहिशे जाने कितने ही रिवाजों मैं...

"गुप्त रत्न " ख़ामोशी की गहराई मैं" दफ़न हो गई मेरी ख्वाहिशे जाने कितने ही रिवाजों मैं... : दफ़न हो गई मेरी ख्वाहिशे जाने कितने ही रिवाजों मैं, फर्क करते करते मंदिर की पूजा और नमाज़ों मैं// किस किस को इलज़ाम देती ,अपनी दर्द-ए...

गुप्त रत्न "ख़ामोशी की गहराई में", : खुदा तुझे माफ़ न करेगा,तेरे इस गुनाह की खातिर ,क़ुरा...

"गुप्त रत्न " ख़ामोशी की गहराई मैं : खुदा तुझे माफ़ न करेगा,तेरे इस गुनाह की खातिर ,क़ुरा... : खुदा तुझे माफ़ न करेगा,तेरे इस गुनाह की खातिर , क़ुरान सा दिल ठुकरा दिया तूने ,तेरी आवारगी की खातिर// तू जानता था की काले रंग से मुहब्... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "