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#गुप्तरत्न :भटकने का इरादा यहाँ, और कितने साल है ?

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"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं " https://m.starmakerstudios.com/share?recording_id=5066859144718304&app_name=sm&share_type=fb&fbclid=IwAR0Fp8apiO-IBplooYzKWInyENk28Cnbmf3sepUk1UCdmJj8NhZVQiWxbWg हर   किसी   की   ज़ुबान   पर   एक   ही   सवाल   है  , बदल   गया   है  , या   अपना   अभी   भी   वही   हाल   है  , बस   एक   तू   नहीं   समझता ,  नासमझ  , बाकी   तेरी   बेरुखी   का ,  मुझसे   ज़्यादा   तो   दुनिया   को   ख्याल   है   ॥ हर   किसी   की   ज़ुबान   पर   एक   ही  .............. कहते   है   यार   दोस्त   मेरे  , की   छोड़   दे   तेरी   गलियों   को   अब  , भटकने   का   इरादा   यहाँ ,   और   कितने   साल   है  ? एहसास   एक ,  बात   एक  , धड़कनो   की   आवाज़   एक   जानते   है   हम   मगर  , मेरा   हाल   है   मेरी   ज़ुबां   पर  , पर   तेरा   छिपा   हुआ   हाल   है  ........ बदल   गया   है   या   अपना   अभी   भी   वही   हाल   है  , तेरी   बेरुखी   का   मुझसे   ज़्यादा   तो   दुनिया   को   ख्याल   है  ... पूछते   है   भटकने   का   इरादा  

"गुप्त रत्न "हिंदी कवितायेँ : मझधार मेरी ज़िन्दगी है ,अबकी किनारे अच्छे नहीं लगत...

 "गुप्त रत्न ": मझधार मेरी ज़िन्दगी है ,अब की किनारे अच्छे नहीं लगत... : मझधार मेरी ज़िन्दगी है ,अब की किनारे अच्छे नहीं लगते , मैं जीतूंगी या नहीं ,नहीं मालूम , पर तुम हारे अच्छे नहीं लगते , बस आवाज़ सुने मेरी...