गुप्तरत्न "भावनायों के समन्दर मैं "
गुप्तरत्न : मेरे अल्फ़ाज़ और तेरा वो तराना ll गुप्तरत्न : नहीं भूल पाते वो तुझसे लिपटना, वो तेरी बाहों मैं सिमटना ll जाते नहीं ज़हन से मेरे वो एहसास , वो रात और तेरा आना यूं पास ll वो तेरे सीन... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "