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जाने क्यूँ उसको सोचकर #jaanekyunuskosochkar

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YouTube link   जाने  क्यूँ उसको सोचकर   © जाने  क्यूँ उसको सोचकर   मेरे चेहरे पर मुस्कराहट सी आ जाती है , वो न था ,न हो सकता था कभी मेरा , फिर भी,जाने क्यूँ उसको सोचकर   गर्मी में  भी ठंडी हवाओं सी सरसराहट सी आ  जाती है , क्या है उससे मेरा वास्ता ,वो तो में भी न जान पायी , फिर भी,जाने क्यूँ उसकोसोचकर  , गर्मी की जलती रेत में  भी हलकी तरावट सी आ जाती है , यूँ तो रोशनी है हर तरफ मेरे फिर भी,जाने क्यूँ उसको सोचकर  , दिल के अँधेरों में एक जगमगाहट सी आ जाती है // ©

#पिता_जीवन का आधार

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"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं " दिनभर मेहनत की आग में जलता है , अपना सुख चैन सब एक किनारे रखता है / तब कही बेटे के चेहरे में नयी साइकिल की ख़ुशी , और बेटी के तन पे नए लिबास का रंग फबता है / मां रोके कह देती है दुखड़े सारे ,पर वो तो  मर्द है न , रो भी नहीं सकता है , अपना सुख चैन सब किनारे रखता है ..... दिन भर मेहनत की आग में जलता है , अच्छे खाने का शौक भी शौक़ से रखता है , पर बेटी के हाथों का जला खाना भी स्वाद से चखता है , दिल पे पत्थर रखकर,बेटे की गल्ती पर उसको गाली भी बकता है, बेटी के आंसू गिरने पर उसका दिल भी दुखता है , पिता है जैसे तैसे भी हो, पर सब mangae करता है , अपना सुख चैन सब ..... जो कभी खुद न पढ़ पाया उन महंगे school में , पर खुद के शौक किनारे रखके, बच्चो के स्कूल की वो महंगी फीस भी भरता है , पिता है बच्चो की खुशियों के लिए सब कुछ वो करता है , दिन रात मेहनत की आग में जलता है .... ©