आपके लिए गुप्तरत्न : बहुत डूबी हूँ बहुत डूबीं हूँ , तुममे लफ्जों मैं इत...
गुप्तरत्न : बहुत डूबी हूँ बहुत डूबीं हूँ , तुममे लफ्जों मैं इत...: बहुत डूबी हूँ बहुत डूबीं हूँ , तुममे लफ्जों मैं इतनी तब ये गहराइयाँ आयी है ,ll सर पे सूरज था तो साथ न था कोई , उतरा जो सू...
"गुप्त रत्न "
" भावनाओं के समंदर मैं "
"गुप्त रत्न "
" भावनाओं के समंदर मैं "
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें