इश्क़ है ?"न" कहके तुमसे, दुनिया के आगे खुदको अंजान कर लिया /

ऊब  गए,धूप छावं के इस खेल से अब,कि
अब खुदको  बहलाने का ,हमने कुछ और इंतजाम कर लिया /

चल रहे थे चर्चे ,तेरे दर्द के तेरी गली में ,
सुनके हमने भी ,दिल को थोडा  सा परेशान  कर लिया /

दवा हो नही सकते थे ,पर दुआ का काम कर दिया ,
खुदा के आगे सर झुका के वो सज़दा तेरे नाम कर दिया /

जो तेरी मर्ज़ी है बेरुखी , तो अब  इस पे भी तेरा "मान "कर लिया ,
हमने भी चुपके चुपके ,दिल में रुख बदलने का एलान कर दिया /

हमने भी करना  "इकरार ",बंद अब खुल-ए-आम कर दिया ,
इश्क़ है ?"न" कहके तुमसे ,दुनिया के आगे खुदको अंजान कर लिया /

हर चीज़ की ऊम्र तय है ,इस किस्से का भी तय अंजाम कर लिया ,
चढ़ चुका था जो ,उस इश्क़ ने अब उतरना शुरू ढ़लान कर दिया /

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