#गुप्तरत्न लहरों के शोर से समन्दर की गहराई का अंदाजा नही होता,

"गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

 लहरों के शोर से समन्दर की गहराई का अंदाजा नही होता,
सूरत से न लगाइए जी अनुमान मेरा जो दिखता है अक्सर वो नही होता....

खूबसूरती के लबादे मैं ढंके है दर्द कितने ,
मेरी हंसी से कभी उनका किसी को अंदाजा नहीं होता..........

जिसके लिए लिखी है इबारते मेरी आँखों मैं,वो ही समझ पायेगा,
सबके लिए "रत्न" की आँखों की पाठशाला का दरवाज़ा ये खुला नही होता //

इतना भी आसान नही है पार कर पाना हदों को,
जिगर चाहिए,दिल की इस हुकूमत मैं आना सबके बश मैं नहीं होता //
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