"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": देखते है कब तलक बचते है हुज़ूर,राहे-ए -सुखन  और नि...

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": देखते है कब तलक बचते है हुज़ूर,
राहे-ए -सुखन  और नि...
: देखते है कब तलक बचते है हुज़ूर, राहे-ए -सुखन  और निगाहों मैं , यूँ ही गुफ्तगू का सफ़र  रहेगा // महकेंगे यूँ रोज अल्फ़ाज़ मेरे , इन...

"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

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