"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : मिला क्या वो की मेरी .जिंदगी और कशमकश मैं फंस गई,...

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं :
मिला क्या वो की मेरी .जिंदगी और कशमकश मैं फंस गई,...
: मिला क्या वो की मेरी .जिंदगी और कशमकश मैं फंस गई, कयामत थी,नज़र मिलाना "रत्न"की जानआफत मैं फस गई // बमुश्किल तो लाये थे कश्ती ...

"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

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