"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": इक इशारा कर दे बाहों में बिखर जाएंगे lइससे ज्यादा...
"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": इक इशारा कर दे बाहों में बिखर जाएंगे l
इससे ज्यादा...: इक इशारा कर दे बाहों में बिखर जाएंगे l इससे ज्यादा गर संभले ,तो मर जाएंगे मैं ll न लीजिये इम्तिहान मेरे इस कदर ए ज़नाब l करने पे आएंगे त...
"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "
इससे ज्यादा...: इक इशारा कर दे बाहों में बिखर जाएंगे l इससे ज्यादा गर संभले ,तो मर जाएंगे मैं ll न लीजिये इम्तिहान मेरे इस कदर ए ज़नाब l करने पे आएंगे त...
"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "
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