"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": हृदय बना सारंगी जैसा,धड़कन जैसे हो इसके तार lदेखें...

"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": हृदय बना सारंगी जैसा,धड़कन जैसे हो इसके तार l
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: हृदय बना सारंगी जैसा,धड़कन जैसे हो इसके तार l देखें तुझको जब जब बजते,ऐसे जैसे छेड़े राग मल्हार ll आतुर हृदय मेरा ,आँखे तुझे बताती है, व्य...

"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

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