"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": कैसे छुपाऊं ये  झूठ कहा नही जाता lकह दूँ ज़माने स...

"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं":
कैसे छुपाऊं ये  झूठ कहा नही जाता l
कह दूँ ज़माने स...
: कैसे छुपाऊं ये  झूठ कहा नही जाता l कह दूँ ज़माने से ,खुद से कहा नही जाता ll खमोश मैं हो जाऊं,पर निगाहों का क्या करूँ  l सामने आते ही ते...

"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

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