"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": चाहते थे बेचैनिया मिटाना हम, आपके  पास आकर lपर ये...

"गुप्तरत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": चाहते थे बेचैनिया मिटाना हम, आपके  पास आकर l
पर ये...
: चाहते थे बेचैनिया मिटाना हम, आपके  पास आकर l पर ये क्या? प्यास मेरी बढ़ गई, आपके  पास आकर ll क्या कहूँ? नाम दूँ क्या, इन एहसासों को नही प...

"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

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