"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": "गुप्तरत्न" भावनायों के समन्दर मैं बिन गुनाहों के ...

"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं": "गुप्तरत्न" भावनायों के समन्दर मैं बिन गुनाहों के ...: चल बख्श दिए गुनाह तेरे सारेl मुन्तज़िर हूँ,बस इक जवाब दे दे ll मैं बावफ़ा न थी कभी ,माना l तू गुज़रे सालो का हिसाब दे दे ll कब से...

"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

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