"गुप्त रत्न" मुझे उन राहों पर अब फिर ...


मुझे उन राहों पर अब फिर ...
:  मुझे उन राहों पर अब फिर न ले जाना , तुम्हारा प्रेम मेरे लिए अब मत बताना , पहले ही टूटी हुईं हूँ ,दिल की चोटों से...


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