मुझे उन राहों पर अब फिर न ले जाना ,
तुम्हारा प्रेम मेरे लिए अब मत बताना ,
पहले ही टूटी हुईं हूँ ,दिल की चोटों से ,
मेरा दिल तुम ,अब और न दुखाना
नहीं चाहती तुम्हारी कोई बात मानना ,
अब तुम मुझे न कभी ह्रदय से लगाना ,
तुम जानते हो ,तुम कहोंगे और मैं मानूँगी ,
न अब तुम ,कोई झठा सपना दिखाना
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