"गुप्त रत्नजख्म  भी तुमने दिया ,मल...

ग़ज़ल "गुप्त रत्न ":
जख्म  भी तुमने दिया ,मल...
:  जख्म  भी तुमने दिया ,मलहम भी तुम्हारा, आँशु भी तुमने दिए ,कांधा भी तुम्हारा , मुझ पर लगाया है दावँ  ये , तुमन...


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