"गुप्त रत्न "इतनी पिला मुझे की होश क...
ग़ज़ल "गुप्त रत्न "
इतनी पिला मुझे की होश क...: इतनी पिला मुझे की होश कम भी न रहे , जो होश न रहे तो मुझको कोई गम भी न रहे , होश जो रहा तो तलाश करती रहूंगी ...
इतनी पिला मुझे की होश क...: इतनी पिला मुझे की होश कम भी न रहे , जो होश न रहे तो मुझको कोई गम भी न रहे , होश जो रहा तो तलाश करती रहूंगी ...
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