न वो अब घर रहा, न वो रहे ठिकाने ,
तुझसे मिलने के भी,खत्म हुए बहाने,

न रही उम्मीदे ,न ही तुमसे कोई गिला,
यूं भी इससे हमको है ,कुछ नहीं मिला,

न रहा इंतजार दोनों को इक दूजे के आने का,
डर भी हुआ खत्म अब, इक दूजे के जाने का,!

दिल की कम सुनते है , दिमाग है हावी,
देख अब तेरे संग हम भी हो गए सयाने,

न वो घर रहा.............

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