अचानक पन्ने पलटे ,की कुछ ख्याल आ गया
कितने आगे आ चुके है,हम ये सवाल आ गया ,
एक एक पन्ना याद दिलाता रहा बीते वक़्त की
कितना वक़्त गुज़र गय अब, ये सवाल आ गया ,
जहाँ थे कल खड़े ,आज भी वहीँ है हम ,
क्या बदला ज़िन्दगी मैं, ये सवाल आ गया ,
सोचा था कुछ तो बदल ही जायेगा वक़्त ,
कुछ न बदल सके ,दिल मैं मलाल आ गया ,
अचानक पन्ने पलटे ,की कुछ ख्याल आ गया। .....
पीछे जाना मुमकिन न रहा ,आगे जा ना सके ,
देखकर हालत ,अपनी बेबसी का ख्याल आ गया ,
बीत वक़्त देता है, सबक अफ़सोस तर्जुबा न ले सके
आज नादानी से अपनी ,ये हाल आ गया।
अचानक पन्ने। . . . . . . . . . . . . .. .
कितने आगे आ चुके है,हम ये सवाल आ गया ,
एक एक पन्ना याद दिलाता रहा बीते वक़्त की
कितना वक़्त गुज़र गय अब, ये सवाल आ गया ,
जहाँ थे कल खड़े ,आज भी वहीँ है हम ,
क्या बदला ज़िन्दगी मैं, ये सवाल आ गया ,
सोचा था कुछ तो बदल ही जायेगा वक़्त ,
कुछ न बदल सके ,दिल मैं मलाल आ गया ,
अचानक पन्ने पलटे ,की कुछ ख्याल आ गया। .....
पीछे जाना मुमकिन न रहा ,आगे जा ना सके ,
देखकर हालत ,अपनी बेबसी का ख्याल आ गया ,
बीत वक़्त देता है, सबक अफ़सोस तर्जुबा न ले सके
आज नादानी से अपनी ,ये हाल आ गया।
अचानक पन्ने। . . . . . . . . . . . . .. .
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