"गुप्त रत्न "हिंदी कवितायेँ : हौसला खुद तुझे पुकारेगी मंज़...
"गुप्त रत्न "हिंदी कवितायेँ : हौसला
खुद तुझे पुकारेगी मंज़...: हौसला खुद तुझे पुकारेगी मंज़िल , गर हौसला बुलंद है, खुलेंगे दरवाज़े किस्मत के , जो अब तलक बंद है , तेज़ कर आग तू य...
खुद तुझे पुकारेगी मंज़...: हौसला खुद तुझे पुकारेगी मंज़िल , गर हौसला बुलंद है, खुलेंगे दरवाज़े किस्मत के , जो अब तलक बंद है , तेज़ कर आग तू य...
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