#गुप्तरत्न :तुझ पर असर करे मेरी तड़प में वो आह नहीं ,

"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "


कई बार इंतज़ार किया हमने,बची अब कोई राह नही 

खुदा ही जाने, की समझा नहीं तू ,या तुझे मेरी परवाह नहीll 
जितने बार किये इशारे ह्म्मने उतनी बार रुके भी हम ,
पर दिल ने कह दिया अब ,की हां तुम्हे मेरी कोई चाह नही ,ll
थक कर मेरी मुहब्बत ने कहा की और अब हौसला नहीं मुझमे 
तुझ पर असर करे मेरी तड़प में वो आह नहीं ,
तेरे नाम के सिवा गर लिया है मेरी जुबान ने नाम कोई,
तो दे सज़ा,खुदा जानता उससे बड़ा कोई इस बात का गवाह नहीं ii

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