ग़ज़ल "गुप्त रत्न "हिंदी कवितायेँ : gupt ratn hindi kavityanतेरा   कांधा  , गर यूँ ही...

"गुप्त रत्न "हिंदी कवितायेँ :
तेरा   कांधा  , गर यूँ ही...
:  तेरा   कांधा  , गर यूँ ही रहेगा , मेरे आंसुओ को ठिकाना मिलेगा , तू यूँ ही  रह मेरे साथ पल पल ,  हँसते रहने का ...


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