हमने मान लिया कहना हालातो का
कुछ नहीं हासिल कोरी बातों का ,
श्वेत-श्याम चुना है ,खुद मैंने ही ,
अपराध क्या, इसमें रंग सातो का
देर कर दी उठने मैं ,दोपहर की नींद से ,
मिला अँधेरा ,गहना है जो रातों का ,
मैं चली हूँ सच -ईमान की राह पर ,
डर क्यों ?टूटने से रिशते -नातों का ,
"रत्न" को गिरने मत देना ए-मालिक ,
संभालेंगे जो,क्या भरोसा उन हाथों का?
जोड़ सको तो जोड़ लो प्यार जीवन मैं
ब्याज अच्छा है ,इन बैंक के खातों का ,
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