तेरा कांधा , गर यूँ ही रहेगा ,
मेरे आंसुओ को ठिकाना मिलेगा ,
तू यूँ ही रह मेरे साथ पल पल ,
हँसते रहने का बहाना मिलेगा ,
तेरी मुहब्बत रहे ,यूँ ही महकती ,
तेरे दिल मैं तो ठिकाना मिलेगा ,
थोड़े वक़्त की रहगुज़र ही सही ,
तब तक तो मुझको आशियाना मिलेगा ,
मौसम को तो हक़ है बदलने का ,
तू न बदला गर तो हर मौसम यूँ सुहाना मिलेगा
गुप्त रत्न'
मेरे आंसुओ को ठिकाना मिलेगा ,
तू यूँ ही रह मेरे साथ पल पल ,
हँसते रहने का बहाना मिलेगा ,
तेरी मुहब्बत रहे ,यूँ ही महकती ,
तेरे दिल मैं तो ठिकाना मिलेगा ,
थोड़े वक़्त की रहगुज़र ही सही ,
तब तक तो मुझको आशियाना मिलेगा ,
मौसम को तो हक़ है बदलने का ,
तू न बदला गर तो हर मौसम यूँ सुहाना मिलेगा
गुप्त रत्न'
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